इस साल के अंत में जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की संभावना, अमरनाथ यात्रा के बाद होगा तारीखों का ऐलान
चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि वह अगले महीने से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस साल के अंत में यहां चुनाव हो सकते हैं।
बयान के मुताबिक, ‘‘चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत सर्वसम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में कराया जायेगा।’’ आयोग ने कहा कि राज्य में सुरक्षा इंतजामों एवं अन्य हालात पर आयोग द्वारा नियमित नजर रखते हुये इस बारे में सभी पक्षों से हरसंभव जानकारी ली जा रही है।
बयान में कहा गया, "आयोग नियमित रूप से और वास्तविक समय के आधार पर जम्मू और कश्मीर में स्थिति की निगरानी करेगा, सभी आवश्यक तिमाहियों से इनपुट लेगा और अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा।"
अमरनाथ यात्रा के बाद चुनाव की घोषणा
आयोग ने कहा कि राज्य में अमरनाथ यात्रा के बाद चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में हर साल जुलाई से मध्य अगस्त तक अमरनाथ यात्रा होती है। इस वर्ष यात्रा का समय एक जुलाई से 15 अगस्त तक निर्धारित है। 46 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शिवरात्रि के दिन से शुरू होगी और 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी।
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के दावे खारिज
चुनाव आयोग ने बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के इस दावे को खारिज कर दिया कि विधानसभा चुनाव कराने से पहले राज्य की स्थिति का आकलन किया जाना चाहिए। आयोग का विचार था कि यदि लोकसभा चुनाव हो सकते हैं, तो राज्य विधानसभा के चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त तीन विशेष पर्यवेक्षकों द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव कराने की संभावना पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के कुछ दिनों बाद जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों और चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी। जब 10 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई थी, तो राज्य में एक साथ संसदीय और विधानसभा चुनाव कराने के खिलाफ पोल पैनल ने फैसला किया था।
पिछले साल लागू किया गया था राज्यपाल शासन
जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार से जुलाई 2018 में भाजपा के समर्थन वापसी की घोषणा के बाद राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था। नयी सरकार के गठन की संभावनायें समाप्त होने के बाद राज्यपाल की सिफारिश पर दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
एजेंसी इनपुट