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07 January 2020

जेएनयू हिंसा: गेटवे ऑफ इंडिया से पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया, 'फ्री कश्मीर' पोस्टर पर भी बवाल

जेएनयू हिंसा के खिलाफ मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर रविवार से डटे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने वहां से आजाद मैदान शिफ्ट कर दिया है। पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के पास गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। बता दें कि जेएनयू में छात्रों पर अज्ञात नकाबपोशों के हमले और हिंसा के बाद देश भर में अलग अलग जगहों पर छात्रों ने प्रदर्शन किए। वहीं इस दौरान 'फ्री कश्मीर' लिखे पोस्टर को लेकर भी विवा शुरू हो गया है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है।

पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह  जो मुंबई के प्रतिष्ठित गेटवे ऑफ इंडिया के सामने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा के खिलाफ 24 घंटे से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहा था उन्हें आजाद मैदान में ले जाया गया है।

डीसीपी संग्रामसिंह निशंदर ने कहा कि सड़कें अवरुद्ध हो रही थीं और आम और पर्यटकों को परेशानी हो रही थी। उन्होंने कहा, "हमने प्रदर्शनकारियों से बाहर निकलने के लिए कई बार अपील की थी। हमने अब उन्हें आजाद मैदान में स्थानांतरित कर दिया है।"

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अपने हाथों में तंबूरा,गिटार और क्रांति के गीतों के साथ लोगों ने गेटवे ऑफ इंडिया और ताजमहल पैलेस होटल के सामने सोमवार रात को जेएनयू छात्रों पर हुए हमले का विरोध किया। इस दौरान अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर और विशाल डडलानी जैसी बॉलीवुड हस्तियां भी शामिल हुईं।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि रविवार की शाम को हॉकी स्टिक और लोहे की छड़ों लैस नकाबपोश लोगों ने दिल्ली के जेएनयू कैंपस में धावा बोला और तीन हॉस्टल में छात्रों को निशाना बनाया, लाठी, पत्थरों और लोहे की छड़ों के साथ छात्रों हाथापाई, मारपीट और खिड़कियों, फर्नीचर सामानों में तोड़फोड़ की। उन्होंने एक महिला छात्रावास पर भी हमला किया। इस दौरान हिंसा में कम से कम 34 लोग घायल हुए।

फ्री कश्मीर पोस्टर पर बवाल

इस बीच मुंबई में चल रहे प्रदर्शन में दिखे एक पोस्टर से सियासी बवाल मच गया। इस पोस्टर में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था 'FREE KASHMIR'. इस पोस्टर की न केवल भाजपा, बल्कि कांग्रेस के नेताओं ने भी आलोचना की। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ट्वीट करते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने लिखा, "आखिर ये विरोध किसके लिए है? फ्री कश्मीर के नारे यहां क्यों लग रहे हैं? हम मुंबई में ऐसे अलगाववादी ताकतों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं।"

वहीं इस पर डीसीपी ने जांच जारी होने की बात कही है। उन्होंने कहा, हमने गेटवे ऑफ इंडिया पर कल रात विरोध प्रदर्शन में देखे गए 'फ्री कश्मीर' पोस्टर का गंभीर संज्ञान लिया है। हम निश्चित रूप से इसकी जांच कर रहे हैं।

मोदी और शाह से इस्तीफे की मांग

‘हम देखेंगे', 'हम होंगे कामयाब', 'सरफरोशी की तमन्ना' जैसे गीत गाकर आईआईटी बॉम्बे, टीआईएसएस सहित कई छात्र संगठन के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह के खिलाफ भी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने मोदी और शाह के इस्तीफे की मांग की।

हुतात्मा चौक के पास भी विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस की तैनाती की गई थी और प्रदर्शनकारियों को पानी, चाय, बिस्कुट और फल परोसे जा रहे थे। नागरिक निकायों ने शौचालय की व्यवस्था की। इससे पहले सोमवार को फोर्ट में हुतात्मा चौक के पास विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन बाद में यहां अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। दरअसल, रविवार मध्यरात्रि के बाद वहां प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जेएनयू की घटना सामने आने के बाद एक आह्वान दिया गया कि लोग गेटवे ऑफ इंडिया के सामने विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। आयोजकों ने प्रतिभागियों से भोजन, पानी, चादर, जैकेट, चटाई, पावर बैंक, चार्जर, दवाइयां लाने को कहा था।

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TAGS: JNU violence, Protesters, shifted, Gateway of India, Azad Maidan, mumbai
OUTLOOK 07 January, 2020
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