वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की उम्र में निधन
जाने-माने पत्रकार कुलदीप नैयर का बुधवार रात को नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। कुलदीप नैयर बीते तीन दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। लंबे समय से उनकी सेहत बहुत खराब थी। बुधवार की रात करीब 20:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, “कुलदीप नैयर हमारे समय के महान बुद्धिजीवी रहे। वे अपने विचार बेबाकी और निडरता से रखते थे। आपातकाल के खिलाफ उनका मजबूत स्टैंड, जनसेवा और बेहतर भारत के प्रति प्रतिबद्धता के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।”
नैयर दशकों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे। पत्रकारिता जगत में कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड भी दिया जाता है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं। नैयर का जन्म 14 अगस्त, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था।
शुरुआती दिनों में कुलदीप नैयर एक उर्दू प्रेस रिपोर्टर थे। वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी थे। वह डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम वगैरह लिखते रहे। कुलदीप नैयर ने ‘इण्डिया हाउस', ‘स्कूप' ‘द डे लुक्स ओल्ड', ‘डिस्टेण्ट नेवर : ए टेल ऑफ द सब कॉनण्टीनेण्ट', ‘इण्डिया आफ्टर नेहरू', ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप', 'बिटवीन द लाइन्स' जैसी कई किताबें लिखी थीं।
वे आपातकाल (1975-77) के दौरान जेल में भी रहे। वह 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। 1990 में उन्हें ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था, अगस्त 1997 में राज्यसभा में नामांकित किया गया था। 23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।