लखनऊ में इलाज करने वाला डॉक्टर भी कोरोना से संक्रमित, यूपी में अब तक 15 मामले
भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले के बीच उत्तर प्रदेश के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के 25 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर इस वायरस की चपेट में आ गया है। अस्पताल के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि जूनियर डॉक्टर का कराया गया परीक्षण पॉजिटिव पाया गया है। फिलहाल उनको आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है। यूपी में अब तक कुल 15 मामले सामने आ चुके है। दरअसल, कनाडा की एक महिला और उसके रिश्तेदार का केजीएमयू के आइसोलेशन वार्ड में इलाज किया जा रहा है। इलाज के दौरान ये डॉक्टर इस वायरस से संक्रमित हो गए।
बता दें, भारत में कोरोना वायरस के अब तक कुल 151 मामले सामने आ चुके है। यूपी और बेंगलुरु से 4 और नए मामले सामने आए हैं, जबकि तेलंगाना से 6 और मामले सामने आए हैं। वहीं, पूरी दुनिया में अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
केजीएमयू की सभी परीक्षाएं रद्द
केजीएमयू के रजिस्ट्रार आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि एमबीबीएस, बीडीएस, बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिकल जैसी सभी कोर्सों की कक्षाएं और परीक्षाओं को 2 अप्रैल तक निलंबित कर दिया गया है। वहीं, यूपी सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को 2 अप्रैल तक बंद कर दिया है। अधिकांश राज्यों ने एहतियात के तौर पर 31मार्च तक भीड़-भाड़ वाली सभी जगहों को बंद कर दिया है।
सुरेश प्रभु ने खुद को किया क्वॉरंटाइन
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा सांसद सुरेश प्रभु 10 मार्च 2020 को शेरपा की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए सऊदी अरब गए थे। लौटने के बाद उन्होंने खुद को 14 दिनों के लिए आइसोलेट कर लिया है। हाल ही में वह उन्होंने साऊदी अरब से लौटने के बाद कोरोना वायरस के लिए टेस्ट कराया। हालांकि, उनका रिजल्ट नकारात्मक आया। परीक्षण के बाद भी एहतियात के तौर पर वह अगले 14 दिनों के लिए अपने आवास पर खुद को अलग रखा है।
बता दें कि इससे पहले त्रिरुवनंतपुरम में श्री चित्रा त्रिनूल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक डॉक्टर से संपर्क में आने के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने भी खुद को आइसोलेट कर लिया। हालांकि उनका परिणाम निगेटिव पाया गया। दरअसल, मंत्र मुरलीधरन एक स्पेन से लौटे डॉक्टर के संपर्क में आ गए थे जिनका रिजल्ट पॉजिटिव पाया गया था।
प्राइवेट लेबोरेटरी से मुफ्त जांच की अपील
इससे पहले मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि अभी देश में इस वायरस का दूसरा चरण है। अभी तीसरा चरण नहीं आया है। इसके कुल चार चरण हैं। तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन है। यह उम्मीद है कि यहां ऐसा नहीं होना चाहिए। डॉ. भार्गव ने प्राइवेट लेबोरेटरी संस्थानों से अपील की है कि कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में करें।
डॉ. बलराम भार्गव ने वायरस के चरण को लेकर कहा, "यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपनी आंतरिक सीमाओं को कितनी मजबूती से बंद करते हैं। हालांकि सरकार ने इसको लेकर बेहतर कदम उठाए हैं। लेकिन यह नहीं कह सकते कि हमारे यहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं होगा। यदि कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है तो फिर हम तीसरे चरण में आ जाएंगे।" उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में लेबोरेटरी के विस्तार में लगे हुए है। अब तक कुल 72 लेबोरेटरी तैयार किए जा चुके हैं। साथ ही हमारे पास अभी 49 लेबोरेटरी ऐसे है जिनका परीक्षण इस सप्ताह के अंत तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं। इसमें सरकारी लेबोरेटरी जैसे सीएसआईआर, डीआरडीओ, डीबीटी, सरकारी मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। डॉ. भार्गव ने कहा था कि उच्च गुणवत्ता वाले प्राइवेट लेबोरेटरी के भी लगातार संपर्क में है जिनकी मान्यता एनएबीएल से प्राप्त है। आगे उन्होंने कहा कि एक मिलियन टेस्टिंग किट‘प्रोब्स’ उपलब्ध कराए गए है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से एक मिलियन और टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।