रेप के आरोपी को शादी करने की टिप्पणी पर जस्टिस बोबडे की सफाई, बोलें- उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजोआई) एसए बोबड़े ने सोमवार को एक बलात्कार मामले में जमानत पर सुनवाई के दौरान अपने पुराने मामले में किए गए एक कथित विवादित टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रया दी है। जिसपर उन्होंने कहा कि रेप के मामले में उनके द्वारा की गई टिप्पणियों को गलत तरीके से पेश किया गया है। इस अदालन ने हमेशा महिलाओं को सबसे बड़ा सम्मान दिया है।
दरअसल, पूरा मामला 14 वर्षीय रेप पीड़िता से जुड़ा हुआ है। जिसमें पीड़िता गर्भवती हो गई थी और उसने कोर्ट से 26 हफ्ते का अपना भ्रूण गिराने की अनुमति मांगी थी। पिछले हफ्ते इसी मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने आरोपी के वकील से पूछा था कि क्या आरोपी पीड़िता से शादी करने जा रहा है।
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर एक मार्च की सुनवाई के दौरान कथित तौर पर अपनी टिप्पणी वापस लेने को कहा था। इसी बीच कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, प्रख्यात नागरिकों, बुद्धिजीवियों, लेखकों और कलाकारों ने मुख्य न्यायाधीश को एक खुला पत्र देकर माफी मांगने और टिप्पणी को वापस लेने की मांग की थी।
जस्टिस बोबडे ने सोमवार को मामले पर कहा, “हमने उससे (बलात्कार के आरोपी से) शादी करने के लिए नहीं कहा। हमने उससे पूछा था कि क्या आप शादी करने जा रहे हैं? जिसे ठीक से रिपोर्ट नहीं किया गया और इसे महिलाओं के अनादर की तरह देखा गया जबकि कोर्ट ने कभी महिलाओं के प्रति अनादर नहीं किया। इस मामले को 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।