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23 January 2019

सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा को परिवार वालों ने घर से निकाला

File Photo

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर इतिहास बनाने वाली महिला कनकदुर्गा को उसके ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। वे अभी पुलिस सुरक्षा में सेल्टर होम में रह रही हैं। करीब एक हफ्ते पहले कनकदुर्गा अपने ससुरालवालों के गुस्से का शिकार हो गई थी। मंदिर में प्रवेश के बाद जब कनकदुर्गा अपने घर वापस लौटी तो उसके इस कदम से नाराज घरवालों ने उसकी पिटाई कर दी थी।

जानकारी के मुताबिक, इस तरह के बर्ताव के बाद कनकदुर्गा ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस उन्हें अपने साथ उनके घर ले गई थी, लेकिन कनकदुर्गा के पति अपनी मां और दो बच्चों के साथ पहले ही कहीं और चले गए।

महिला के इस कदम से पूरे राज्य में भड़की थी हिंसा

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कनकदुर्गा (39) ने महिला साथी बिंदु (40) के साथ 2 जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन कर 800 साल पुरानी प्रथा को तोड़ा था। दोनों ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की थी। इसके बाद पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई थी। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रवेश करने वाली पहली महिला थीं।

इस महिला ने भगवान अयप्पा के दर्शन कर तोड़ी थी 800 साल पुरानी प्रथा

कनकदुर्गा (39) ने महिला साथी बिंदु (40) के साथ 2 जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन कर 800 साल पुरानी प्रथा को तोड़ा था। दोनों ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की थी। इसके बाद पूरे राज्य में प्रदर्शन भड़क गए थे। साथ ही मंदिर का शुद्धिकरण भी किया गया था। उस वक्त मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कनकदुर्गा और बिंदु समेत सभी महिला दर्शनार्थियों को पूरी सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे।

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति पर ये था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश की इजाजत दी थी। इस फैसले के खिलाफ केरल के राजपरिवार और मंदिर के मुख्य पुजारियों समेत कई हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले यहां 10 से 50 साल उम्र की महिला के प्रवेश पर रोक थी। यह प्रथा 800 साल पुरानी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे राज्यभर में विरोध जारी है।

सरकार का दावा- 51 महिलाएं कर चुकीं प्रवेश

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 10-50 उम्र की 51 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करके भगवान अयप्पा के दर्शन किए। केरल सरकार ने हलफनामा दाखिल करके चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि मंदिर में प्रवेश करने वाली 10-50 उम्र की सभी महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।

हालांकि, सरकार के इस हलफनामा पर सवाल उठे थे। सरकार की लिस्ट में कुछ पुरुषों के और 50 से अधिक उम्र वाली महिलाओं के नाम भी शामिल थे।

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TAGS: Kanakdurga, entered Sabarimala temple, Thrown Out, By Family
OUTLOOK 23 January, 2019
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