करतारपुर कॉरिडोर: भारत ने पाक के सामने रखा रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं को भेजने का प्रस्ताव
गुरुवार को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए डेरा बाबा नानक-करतारपुर में तैयार हो रहे कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पहली बैठक की। इसके बाद अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर के एग्रीमेंट में शामिल विभिन्न मुद्दों पर दोनों देश मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा, 'पहले फेज में हमने हर दिन पांच हजार तीर्थयात्रियों के दौरे के लिए दबाव बनाया है। इसमें भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारतीय मूल के नागरिकों को भी शामिल करने के लिए कहा है'।
पाकिस्तान से वीजा फ्री यात्रा की मांग
करतारपुर साहिब यात्रा पर भारत ने पाकिस्तान से वीजा फ्री यात्रा की मांग की है। अटारी में हुई बैठक के बाद भारतीय डेलिगेशन ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान से करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बिना वीजा यात्रा करने की मांग की है। इस बैठक में भारत की तरफ से गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय उच्च प्राधिकरण व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भारत का प्रतिनिधित्व शामिल हुए तो वहीं पाकिस्तान की तरफ से विदेश कार्यालय के दक्षिण एशिया महानिदेशक मोहम्मद फैसल की अगुवाई में 18 सदस्यीय दलों ने हिस्सा लिया।
बड़े मौकों पर 10000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने की मिले इजाजत
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा कि हमने प्रतिदिन कम से कम 5 हजार तीर्थयात्रियों की यात्रा की व्यवस्था करने की जरूरत पर जोर दिया, जिसमें न सिर्फ भारतीय शामिल होंगे बल्कि भारतीय मूल के वो लोग भी शामिल हैं जो अन्य देशों में रहते हैं। साथ ही उन्होंने ये बताया कि बड़े और अहम मौकों जैसे गुरुपर्व और बैसाखी पर 10000 तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने की इजाजत मिले।
भारत-पाक के बीच आज हुई पहली सचिव स्तरीय बैठक
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए कॉरिडोर तैयार करने के लिए गुरुवार को अटारी में भारत और पाकिस्तान के बीच पहली सचिव स्तरीय बैठक हुई। इसके बाद अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर के एग्रीमेंट में शामिल विभिन्न मुद्दों पर दोनों देश मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। बैठक में कॉरिडोर तकनीकी पहलू पर भी चर्चा हुई। इस मुद्दे पर दूसरी बैठक 2 अप्रैल को वाघा में होगी। यह कॉरिडोर पाकिस्तानी शहर करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट पर दोनों देशों के सहमति जताने के तीन महीने बाद यह बैठक हो रही है।
इस फैसले को बताया था पाकिस्तान की पहल
करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते के संबंध में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम अमृतसर पहुंचा, जहां पाक के उप उच्चायुक्त हैदर शाह ने इस फैसले को पाकिस्तान की पहल बताया था। उन्होंने कहा कि हम करतारपुर गलियारा खोलना चाहते हैं, ताकि सिख समुदाय के लोगों को पाकिस्तान आने का मौका मिल सके।
करतारपुर कॉरिडोर पर दोनों देशों की आज पहली बैठक
नवंबर में भारत और पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर के अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण की आधारशिला रखी थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल (महानिदेशक दक्षिण एशिया और सार्क) ने भारतीय उच्चायुक्त से इस कॉरिडोर पर अगली चर्चा के लिए भारतीय दल को 28 मार्च को पाकिस्तान भेजने का आग्रह भी किया था।
बैठक के दौरान इन बातों पर रह सकता है जोर
हाल ही में विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर चर्चा करने और उसके तौर तरीके को अंतिम रूप देने के लिए 14 मार्च को पहली बैठक अटारी-वाघा बॉर्डर (भारत की तरफ) पर होगी। इस बैठक में भारत पाकिस्तान से अपील कर सकता है कि वह भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे तक बिना पासपोर्ट और वीजा के जाने की इजाजत दे।
पाकिस्तान ने कहा- वीसा मुक्त यात्रा की सुविधा देना उद्देश्य
इस मामले पर दोनों देशों की बैठक से पहले पाकिस्तान ने भारत को 59 पेज का एक दस्तावेज भेजा, जिसमें उसकी ओर से 14 सिफारिशें की गईं हैं। पाकिस्तान ने कहा है कि गलियारे का मुख्य उद्देश्य करतारपुर में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए वीसा मुक्त यात्रा की सुविधा देना है। इसके लिए दोनों पक्षों (भारत व पाक) को सक्रिय होना चाहिए। अगर भारत इन सिफारिशों पर राजी हो जाता है तो यह समझौता लागू हो जाएगा।
इन शर्तों के तहत इजाजत
- एक समूह में कम से कम 15 श्रद्धालु हों।
- वैध पासपोर्ट, प्रासंगिक सुरक्षा निकासी दस्तावेज रखने होंगे।
- भारत को तीर्थयात्रियों के आने की सूचना तीन दिन पहले देनी होगी।
- परमिट सिर्फ करतारपुर की यात्रा के लिए जारी किया जाएगा।
- एक दिन में 500 से अधिक तीर्थयात्रियों को परमिट नहीं।
- गलियारा सुबह 8 से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
बता दें कि सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने करतारपुर साहिब में अपने जीवन के 18 साल बिताए थे। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नरोवाल जिले में रावी नदी के पार स्थिति है जो डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करीब चार किलोमीटर दूर है। बताया जा रहा है कि सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए 50 एकड़ जमीन की पहचान की है। इस कॉरिडोर का विकास दो चरणों में किया जाएगा।