केन-बेतवा परियोजना को मंजूरी में देरी, उमा भारती ने दी अनशन की चेतावनी
उमा भारती ने केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का जिक्र करते हुए कहा, इस परियोजना में देरी करना राष्ट्रीय अपराध है। जब मैं इसे राष्ट्रीय अपराध कह रही हूं तो मेरा कहना है कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश दोनों प्रदेशों के बुंदेलखंड क्षेत्र के 70 लाख लोगों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होगा जिन्हें पानी की कमी, फसल खराब होने एवं अन्य कारणों से दिल्ली और अन्य महानगरों में पलायन करने को मजबूर होना पड़ता है। उन्हें महानगरों में बदतर जिंदगी गुजारने और मजदूरी करने को मजबूर होना पड़ता है। गंगा नदी की अविरलता और निर्मलता को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि इस कार्य में कठिनाई है लेकिन यह असंभव नहीं है और 2018 तक ठोस कचरा, घास एवं इससे जुड़ी अन्य गंदगी को साफ करके गंगा की सफाई का दूसरा चरण पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि गंगा से संबंधित सभी परियोजनाओं का वह कैग से आडिट करायेंगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के आगे बढ़ने से अन्य 30 नदी जोड़ो परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उमा ने कहा कि पिछले काफी समय से इस परियोजना को वन्यजीव समिति की मंजूरी नहीं मिल पाई है जबकि मंत्रालय ने हर एक बिन्दु को स्पष्ट कर दिया है, उस क्षेत्र में सार्वजनिक सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस विषय पर पर्यावरण मंत्रालय अथवा मंत्री प्रकाश जावडेकर से कोई मतभेद नहीं है। बल्कि एक ऐसी समिति जिसमें कोई राजनैतिक व्यक्ति नहीं है, न कोई मंत्री है और कोई सांसद सदस्य है, वह समिति इसे मंजूरी नहीं दे रही है जबकि केन-बेतवा नदी क्षेत्र के लोग इसके पक्ष में हैं। उन्होंने चेताया, अगर अगली कोई अड़चन आई तो मैं अनशन पर बैठ जाउंगी। मैं बुंदेलखंड के लोगों का भी इस अनशन में हिस्सा लेने के लिए आह्वान करूंगी। नदी जोड़ो परियोजना नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है और इसे पूरा किया जायेगा। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से जुड़े बांध की ऊंचाई कम करने के बारे में एक सवाल के जवाब में उमा ने कहा, ऊंचाई के विषय पर कोई समझौता नहीं होगा। इस परियोजना से 70 लाख लोगों को फायदा होगा। जबकि 7 हजार लोग प्रभावित होंगे और वे दूसरी जगह जाने को तैयार है क्योंकि वे जिस क्षेत्र में रह रहे हैं, वह अधिसूचित क्षेत्र हैं और उन्हें कई समस्याएं आती हैं। उमा भारती ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र में पन्ना रिजर्व से जुड़े विषय पर ध्यान दिया है और वह बाघ एवं गिद्धों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।
इस बारे में कुछ पर्यावरणविदों की आपत्तियों पर तीखा प्रहार करते हुए उमा ने कहा कि अगर इनको पर्यावरण की चिंता है, तो चिड़ियाघरों पर आपत्ति क्यों नहीं उठाते। चिड़ियाघरों की जरूरत क्या है ? केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि अगर यह प्रयोग सफल रहा तो देश की विभिन्न नदियों को आपस में जोड़ने की 30 योजनाओं का सपना आंख खोलने लगेगा।