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28 December 2015

डीडीसीए विवाद: कीर्ति ने की सीबीआई जांच की मांग, कांग्रेस को लपेटा

गूगल

कीर्ति आजाद ने दावा किया, परिसम्पत्तियों और देनदारियों का ब्यौरा दिए बिना फर्जी पते पर खुले खातों पर करोड़ों रूपये हस्तांतरित किए गए। यह अनोखा फर्जीवाड़ा था जिसमें समान लोगों को, समान काम के लिए बार-बार भुगतान किया गया। मेरे पास इसके साक्ष्य हैं। आजाद ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी लड़ाई क्रिकेट निकाय में भ्रष्टाचार के खिलाफ है और वह वित्त मंत्री अरूण जेटली को निशाना नहीं बना रहे हैं। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस नेताओं को लपेटते हुए आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि राजीव शुक्ला, नवीन जिंदल, अरविंदर सिंह लवली जैसे उसके कई नामित डीडीसीए के निदेशक के रूप में काम कर रहे थे और वे इन गलत कार्यों का हिस्सा थे।

पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आजाद ने कहा कि यह भाजपा या केंद्र सरकार या जेटली के खिलाफ नहीं है। उल्लेखनीय है कि जेटली पर तीखा प्रहार करने के बाद आजाद को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। आजाद ने कहा,  मैं इस बात को नहीं समझ पा रहा हूं कि मैंने वित्त मंत्री पर कहां निशाना साधा। मैंने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा। मैं हमेशा से वफदार सिपाही रहा हूं। लेकिन मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा। डीडीसीए मामले की सीबीआई तथा ईडी, डीआरआई जैसी अन्य जांच एजेंसियों से व्यापक जांच कराई जानी चाहिए।

मीडिया को संबोधित करते हुए आजाद ने कई कंपनियों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि वे करोड़ों रूपये की धनराशि की हेराफेरी करने में शामिल थे और इनके संबंध डीडीसीए अधिकारियों से थे। उन्होंने पार्टी की उस दलील को सिरे से खारिज कर दिया कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने डीडीसीए में कोई घोटाला नहीं पाया। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ ने केवल उन कागजातों को देखा जो उन्हें मुहैया कराया गया था। आजाद ने कहा,  उसने यह पता नहीं लगाया कि जिन कंपनियों को करोड़ों रूपये मुहैया कराये गए, वे अस्तित्व में हैं भी या नहीं। हालांकि जेटली और डीडीसीए ने आजाद के इन आरोपों से इंकार किया है।

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आजाद ने सीबीआई द्वारा डीडीसीए पर छापा मारने की बजाए नोटिस भेजने पर भी सवाल उठाए और कहा कि इससे आरोपी को साक्ष्य मिटाने का मौका मिलता है। आजाद ने कहा कि मैंने 90 प्रतिशत जांच की है और सीबीआई को मुझसे साक्ष्य लेना चाहिए। मैं नहीं जानता कि वे इतनी धीमे क्यों हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने और अन्य लोगों ने इसके बारे में जेटली को 200 से अधिक पत्र लिखे हैं।

संसद में और संसद से बाहर की गतिविधियों को लेकर भाजपा के निशाने पर आए कीर्ति आजाद ने पार्टी प्रवक्ताओं से हल्के शब्दों के उपयोग से परहेज करने को कहा। आजाद ने कहा कि लोकसभा में लोकसभाध्यक्ष के कहने पर ही उन्होंने भाषण दिया। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के कहने पर लोकसभा में अपनी बात कही थी। उन्होंने लोकसभा में डीडीसीए मामलों की जांच कराने की मांग की थी। आजाद ने कहा कि इस प्रकार की बात विशेषाधिकार हनन का मामला हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे दावे झूठों का पुलिंदा हैं।

 

 

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TAGS: कीर्ति आजाद, एसएफआईओ जांच, डीडीसीए, घोटाला, भाजपा, सीबीआई, ईडी, व्यापक जांच, कांग्रेस, राजीव शुक्ला, नवीन जिंदल, अरविंदर सिंह लवली
OUTLOOK 28 December, 2015
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