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25 December 2016

कीर्ति आजाद ने जेटली को अक्षम बताया, मांगा इस्तीफा

गूगल

कीर्ति ने आज दरभंगा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, देश के प्रधानमंत्री कोई निर्णय ले रहे हैं और बैंकों में करोड़ों लोगों का कालाधन सफेद किया जा रहा है। ये बैंक किसके अंतर्गत हैं? ये वित्त मंत्रालय के अंतर्गत हैं। वित्त मंत्री अक्षम हैं और अर्थशास्त्री भी नहीं है। उनको इस्तीफा दे देना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी से देश में अविश्वास का माहौल उत्पन्न हो गया है। विमुद्रीकरण उल्टा आफत पैदा कर गया है। कालेधन वाले सरकार से बहुत ज्यादा शातिर और पहुंच वाले हैं। कीर्ति ने आरोप लगाया कि यदि सरकार की मंशा स्पष्ट रहती तो विमुद्रीकरण की पूर्व तैयारी अवश्य होती। उनके नीतिकारों को व्यवहारिकता का ग्यान नहीं है। आम लोगों को 500 और 1,000 के बजाय 2,000 रूपए के नए नोट छापे जाने का औचित्य समझ में नहीं आ रहा है। सारे अनुमान अवास्तविकता पर आधारित हैं। आम लोगों का मानना है कि इस पूरे प्रकरण से कारपोरेट घराने को लाभ मिलने की संभावना है।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आठ नवंबर के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी आरम्भ की गयी और जहां-तहां कालाधन पकड़ में आ रहा है। यही कार्य पूर्व में व्यापक पैमाने पर न होना वित्त मंत्रालय की अक्षमता का परिचायक है। भाजपा सांसद कीर्ति झा आजाद ने वित्त मंत्री अरूण जेटली पर प्रहार करते हुए नोटबंदी के बाद उत्पन्न परिस्थितियों के लिए उन्हें ही जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि इस दौरान रिजर्व बैंक ने 59 बार नोटबंदी से संबंधित आदेश जारी किए। वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक के बीच तालमेल का घोर अभाव है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि छोटे और कुटीर उद्योग इस नोटबंदी से बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। बड़ी संख्या में मजदूरों को काम के अभाव में घर लौटना पड़ रहा है। कीर्ति ने अपने संसदीय क्षेत्र दरभंगा की चर्चा करते हुए कहा कि उनके दर्जनों अनुशंसा पत्रा के बावजूद भारी संख्या में लोग ऐसे हैं जिनका अपना बैंक खाता नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस नोटबंदी का असर किसान, मजदूर, कामगार, छोटे व्यवसायियों, सर्राफा व्यवसायियों पर व्यापक रूप से देखा जा रहा है। यह असर विकास को बाधित कर रहा है। सब्जी उत्पादक किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।

कीर्ति ने कहा कि आम लोगों की नोट के अभाव में क्रय शक्ति घट गई है। इस नोटबंदी से गरीब मध्यवर्गीय लोगों के समक्ष आने वाले समय में मुसीबतें उत्पन्न हो सकती हैं। रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं और बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न सकती है।

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में कैशलेस प्रणाली का सफल होना मुश्किल लगता है। उन्होंने कहा कि जिन देशों में कैशलेस प्रणाली प्रचलन में भी है वहां की सरकारों पर नोट छापने का भारी दबाव है।

उल्लेखनीय है कि डीडीसीए के 13 सालों तक (2013 तक) अध्यक्ष रहे अरूण जेटली पर कीर्ति आजाद द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान उक्त संगठन में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गत वर्ष 23 दिसंबर को कीर्ति को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

भाषा 

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TAGS: Arun Jaitley, suspended BJP leader, Kirti Azad, termed the Finance Minister, as an "inefficient" person, sought his resignation
OUTLOOK 25 December, 2016
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