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22 August 2021

जानें- कब और कैसे शुरू हुआ रक्षाबंधन का त्यौहार, किसने सबसे पहले बांधी थी कलाई पर राखी

File Photo

रक्षाबंधन के मौके पर 'रेशम की डोरी' फिल्म का गाना 'बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है और साधना सरगम की आवाज में फिल्म तिरंगा का गाना'इसे समझो न रेशम का तार भैया, मेरी राखी का मतलब है प्यार भैया!'  भाई-बहन के रिश्ते की खूबसूरती को बेहद गहराई से बयान करता है। रक्षाबंधन हिंदू धर्म उन त्योहारों में शुमार है, जो अपने आप में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए हैं।

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सही मायनों में रक्षाबंधन की परपंरा ही उन बहनों ने शुरू की, जो सगी नहीं थीं। उन्होंने अपनी रक्षा के लिए मुंहबोले भाई को राखी बांधकर जो परंपरा शुरू की, वह आज रक्षाबंधन का त्योहार बनकर बदस्तूर जारी है।

हालांकि, राखी का त्योहार कब शुरू हुआ, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। लेकिन भविष्य पुराण के अनुसार, इसकी शुरुआत देव-दानव युद्ध से हुई थी। उस युद्ध में देवता हारने लगे। भगवान इंद्र घबरा कर देवगुरु बृहस्पति के पास पहुंचे। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। उस अभिमंत्रित धागे की शक्ति से देवराज इंद्र ने असुरों को परास्त कर दिया। यह धागा भले ही पत्नी ने पति को बांधा था, लेकिन इसे धागे की शक्ति सिद्ध हुई और फिर कालांतर में बहनें भाई को रक्षा बांधने लगीं।

वहीं,पौराणिक गाथाओं में राखी से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध कहानी भगवान कृष्ण और द्रौपदी की है। शिशुपाल वध के समय श्रीकृष्ण इतने गुस्से में चक्र चलाया कि उनकी अंगुली घायल हो गई। उससे खून टपकने लगा। द्रौपदी ने खून रोकने के लिए अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर भगवान की अंगुली पर बांध दिया। भगवान ने उसी समय पांचाली को वचन दिया कि वह हमेशा संकट के समय उनकी सहायता करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण ने दौपद्री चीरहरण के समय अपना वचन पूरा भी किया।

रक्षाबंधन को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि राजा बलि ने एक बार भगवान विष्णु को भक्ति के बल पर जीत लिया और उनसे यह वरदान मांगा कि अब आप मेरे ही राज्य में रहें, भगवान मान गए और उसी के राज्य में रहने लगे। उनके वापस न आने से लक्ष्मी जी दुखी रहने लगीं। फिर एक बार नारद की सलाह पर लक्ष्मी पाताल लोक गईं। उसके बाद उन्होंने बलि के हाथों पर रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें भाई बना लिया और बलि से निवेदन कर विष्णु को वापस वैकुंठ धाम ले आईं। तब से रक्षाबंधन की परंपरा चली आ रही है।

 

 

 

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TAGS: Raksha bandhan, Rakhi, रक्षाबंधन, राखी, भाई बहन का प्यार
OUTLOOK 22 August, 2021
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