Advertisement
08 April 2020

कोरोना टेस्ट की ओवरचार्जिंग रोके सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- रिइंबर्स कराने की भी करें व्यवस्था

FILE PHOTO

इस वक्त पूरा देश कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन का सामना कर रहा है। तेजी से सामने आ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच के लिए सरकारी लैब पर्याप्त न होने के बाद सरकार द्वारा कुछ निजी लैब्स को भी जांच करने की छूट दे दी गई है। इन निजी लैब्स में 4,500 रुपये तक जांच के लिए लिया जा रहा है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि प्राइवेट लैब कोरोना टेस्ट के लिए ज्यादा पैसे न लें और टेस्ट के दौरान जो पैसे लिए गए हैं सरकार उन्हें रिइंबर्स करने की भी कोई व्यवस्था बनाए। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इसे लेकर आदेश पारित किया जाएगा। बता दें कि जांच के लिए इतनी राशि तक लेने की इजाजत देने वाली अधिसूचना सरकार की ओर से जारी की गई थी।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई

याचिकाकर्ता की इस पिटीशन पर शीर्ष कोर्ट द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की गई। याचिकाकर्ता का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही लोग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। लिहाजा जांच महंगी होने की वजह से लोग इसे कराने से बचेंगे इससे बीमारी और फैल सकती है। ऐसे में सरकार को सभी की जांचें मुफ्त कराना चाहिए।

Advertisement

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को सुझाव दिया और कहा कि निजी लैब को ज्यादा पैसे न लेने दें। आप टेस्ट के लिए सरकार से रिइंबर्स कराने के लिए एक प्रभावी तंत्र बना सकते हैं। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी और जो भी इसमें अच्छा किया जा सकता है उसे विकसित करने की कोशिश करेगी।

सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सरकार इस मोर्चे पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर कोरोना योद्धा हैं। उन्हें भी संरक्षित किया जाना है। उन्होंने कहा कि उनमें से कई होटलों में रखे जा रहे हैं। साथ ही, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए अहम कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट का इंतजाम भी तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना वायरस के पॉजिटिव लोग किसी को प्रभावित न करें, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।

बता दें कि अधिवक्ता शशांक देव सुधी ने यह याचिका दायर की है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि केन्द्र और संबंधित प्राधिकारियों को कोविड-19 की जांच की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए।

24 मार्च को निजी लैब को जांच की मिली थी मंजूरी

देश में कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले बढ़ने के बाद केंद्र सरकार द्वारा 24 मार्च को निजी लैब्स को कोरोना टेस्टिंग की मंजूरी दी गई थी। इस जांच के लिए सरकार द्वारा कड़े नियम बनाए गए थे, जिसका निजी लैब्स को सख्ती से पालन करना अनिवार्य किया गया था।

देश भर में अब तक 5,000 से ज्यादा मामले

देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 5,000 को पार कर गई है। इसके साथ ही लगभग 150 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। ऐसे में आने वाले दिन सरकार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Labs, should not overcharge, COVID-19 tests, observes SC
OUTLOOK 08 April, 2020
Advertisement