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17 June 2020

चीन से झड़पों में घायल कई जवानों का इलाज जारी, बढ़ सकती है शहीदों की संख्या

सोमवार-मंगलवार की रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों बीच हुई हिंसक झड़पों में कई जवानों का अभी भी इलाज हो रहा हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ये सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस वजह से शहीद होने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों के साथ हुई भिड़ंत में अभी एक कर्नल सहित 20 जवानों की मौत हो चुकी है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार सरकारी सूत्रों ने कहा है कि गंभीर रूप से घायल जवानों की संख्या दस से ज्यादा हो सकती है। हालांकि सेना ने घायलों की संख्या बताने से इन्कार करते हुए कहा कि अनेक सैनिक घायल हैं।

जवानों के बीच सात घंटे तक चला था संघर्ष

सोमवार की रात को भारत और चीन के बीच में शुरू हुआ खूनी संघर्ष करीब छह-सात घंटे तक चलता रहा। मंगलवार को भारतीय हैलीकॉप्टरों ने मृतकों और घायलों को गलवान घाटी से वापस लाने के लिए 16 चक्कर लगाए थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार बुधवार की सुबह चार जवानों के शवों को गुलवान से लेह ले जाया गया।

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अब तक कर्नल सहित 20 की मौत

एलएसी पर गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को दोपहर में एक कर्नल और दो जवानों के शहीद होने की खबर सामने आई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में 20 सैनिक शहीद हुए हैं। हिंसक टकराव होने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीनी सेना के 43 जवानों की मौत हुई है या घायल हुए हैं।

दिल्ली में बैठकों का मैराथन दौर

हिंसक टकराव के बाद दिल्ली में सरकार में सरगर्मियां तेज हो गईं। मैराथन बैठकों का दौर अभी भी जारी है। घटना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ बैठक की। एक दिन में यह दूसरी समीक्षा बैठक थी। बैठक में थल सेना प्रमुख एमएम नरवाणे और  विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। बैठक के बाद रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। वहीं, विदेश मंत्री ने पीएम से मुलाकात की।

माना जाता है कि चीन से लगी सीमा पर 45 साल में पहली बार इस तरह की घटना हुई है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में किए गए हमले में चार भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। 

वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तनाव वार्ता कर रहे

पैगोंग त्सो के निकट हिंसक झड़प होने के बाद पांच मई से दोनों ओर की सेनाएं बातचीत कर रही हैं। भारत द्वारा पैगोंग त्सो के निकट फिंगर एरिया में रणनीतिक रूप से अहमियत रखने वाली एक सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में धारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक अन्य सड़क के निर्माण का चीन कड़ा विरोध कर रहा है। इसी वजह से हाल में तनाव की स्थिति पैदा हुई। भारत के लिए फिंगर एरिया गश्त करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने सीमा क्षेत्र में चीन के विरोध के चलते किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को न रोकने का फैसला किया है।

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TAGS: Indian soldiers, LAC, critically injured
OUTLOOK 17 June, 2020
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