लखीमपुर हिंसा मामला: एसआईटी ने छह संदिग्धों की तस्वीरें जारी की, लोगों से की पहचानने की अपील
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की है। एसआईटी ने 3 अक्टूबर की घटना के दौरान आग लगा दी गई एसयूवी के पास खड़े छह लोगों की तस्वीरें जारी की है। इसने आश्वासन दिया है कि सूचना देने वालों के ब्योरे का खुलासा नहीं किया जाएगा इसके अलावा मुखबिरों को उचित पुरस्कार दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा, "तीन अक्टूबर की हिंसा की जांच कर रही एसआईटी टीम को कुछ तस्वीरें और वीडियो मिले हैं। हम तस्वीरें जारी कर रहे हैं और लोगों से उनकी पहचान करने की अपील कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "पहचान के लिए छह तस्वीरें जारी की गई हैं।"
भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर हत्या के मामले में एसआईटी पहले ही तीन दर्जन से अधिक किसानों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर चुकी है।
हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों के मारे जाने के बाद तिकोनिया थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पहली प्राथमिकी में राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को 15 से 20 अज्ञात लोगों के अलावा आरोपी बनाया गया था। सुमित जायसवाल की शिकायत के आधार पर उसी थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
शिकायत में, यहां के अयोध्यापुरी निवासी जायसवाल ने खुद को एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में बताया, जो उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का बनबीरपुर में एक कुश्ती कार्यक्रम के लिए स्वागत करने के लिए जा रहा था, जब हिंसा भड़क गई।
मामले में अब तक केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसानों ने आरोप लगाया कि घटना के दौरान आशीष मिश्रा एक वाहन में मौजूद थे, हालांकि उन्होंने इस आरोप से इनकार किया है। मंत्री के बेटे ने दावा किया कि वह एक कुश्ती कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बनबीरपुर गांव में मौजूद थे।
मारे गए आठ लोगों में चार किसान, एक स्थानीय पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ता थे।