नहीं रहीं स्वर कोकिला, 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर का निधन
सुर साम्राज्ञी, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह 8 जनवरी से ब्रीच कैंडी अस्तपाल में थीं। उन्हें कोविड 19 संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनकी बहन उषा मंगेशकर ने कहा गायिका लता मंगेशकर का रविवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। गायिका की छोटी बहन उषा मंगेशकर ने बताया, "वह अब नहीं रहीं। सुबह उनका निधन हो गया।"
92 वर्षीय गायिका के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें 8 जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज डॉ प्रतीत समदानी और डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा था।
जनवरी में मंगेशकर की हालत में सुधार हुआ था और उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया था लेकिन शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी थीं। उनका पहला नाम 'हेमा' था, लेकिन जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था।
लता मंगेशकर अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी थीं। मीना, आशा, उषा और हृदयनाथ उनसे छोटे थे। उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे और वह एक प्रसिद्ध नाम थे।
लता मंगेशकर जब 7 साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं। उन्होंने 5 साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू कर दिया था। लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं। उनके पिता को शास्त्रीय संगीत बहुत पसंद था। इसीलिए वह लता के फिल्मों में गाने के विरुद्ध थे। 1942 में उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और आजीविका चलाने के लिए लता ने मराठी तथा हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कीं।
उनको पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे। लता इसे अपनी पहली कमाई मानती हैं।
लता मंगेशकर ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया।
लता मंगेशकर की पूरी जिंदगी अपने परिवार के लिए समर्पित रही। लता मंगेशकर को 2001 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।