ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग के पक्ष में है विधि आयोग
चुनावी सुधार पर कानून मंत्रालय के समक्ष दाखिल अपनी रिपोर्ट में विधि आयोग ने चुनाव आयोग के लिए एक स्थायी और स्वतंत्र सचिवालय के सृजन की भी सिफारिश की।
विधि निकाय ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया समान करने के लिए संविधान की धारा 324-5: में संशोधन किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है, इस तरह, पद से हटाने के मुद्दे पर भारत निर्वाचन आयोग के सभी सदस्यों को समान संवैधानिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। कानून मंत्रालय मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया की शुरूआत करता है और उसके बाद राष्ट्रपति उनकी नियुक्ति करते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त को केवल संसद से महाभियोग लगा कर पद से हटाया जा सकता है। बहरहाल, सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश के आधार पर अन्य चुनाव आयुक्तों को उनके पद से हटा सकती है। विधि आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति तीन सदस्यीय चयन मंडल (कालेजियम या चयन समिति) के सलाह मशविरे से मुख्य चुनाव आयुक्त समेत सभी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करे और चयन मंडल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और प्रधान न्यायाधीश हों।