विधि मंत्रालय ने पर्सनल लॉ पर जारी किया कंसल्टिंग पेपर
विधि मंत्रालय ने समान नागरिक संहिता के एक पक्ष के रूप में पर्सनल लॉ पर कंसल्टिंग पेपर जारी किया है। इसे ‘रिफॉर्म ऑफ फैमिली लॉ’ के नाम से जारी किया गया है। कंसंल्टिंग पेपर जारी करने वाले पैनल के चैयरमैन सेवा. न्यायामूर्ति वीएस चौहान ने पहले कहा था कि समान नागरिका की जगह पैनल पर्सनल लॉ में बदलाव की सिफारिश कर सकता है।
21वें विधि आयोग का आज आखिरी दिन है। इस संबंध में आगे की कोई भी कर्रवाई अगले यानि 22वें विधि आयोग को करनी होगी। 185 पन्नों की इस रिपोर्ट को 5 अध्यायों में बांटा गया है।
साल 2016 के मार्च में विधि मंत्रालय ने विधि आयोग से सामान नागरिक संहिता से जुड़े मसलों को देखने के लिए कहा था। लेकिन इस कंसल्टिंग पेपर में कहा गया “समान नागिरिक संहिता का मसला बहुत व्यापाक है। भारत में इसके विभिन्न संभावित पक्षों को अभी परखा भी नहीं गया है। इसीलिए 2 साल की विभिन्न बैठकों में व्यापक विचार-विमर्श के बाद आयोग परिवार से जुड़े कानूनी पहलुओं में सुधार के लिए यह कंसल्टिंग पेपर जारी कर रहा है।“