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28 February 2017

एबीवीपी के आक्रमण के खिलाफ डीयू-जेएनयू और जामिया के छात्र सड़क पर उतरे

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छात्रों ने पोस्टर ले रखे थे जिनपर संदेश लिखा था, आपका राष्‍ट्रवाद हमारे लोकतंत्र से उपर नहीं है। नार्थ कैंपस से कला संकाय की इमारत की तरफ जाने वाली सड़क पर आयोजित इस मार्च में प्रदर्शनकारी छात्रों में मुख्य रूप से एआईएसए जैसे वाम संगठन के छात्रा शामिल थे। इन्होंने एबीवीपी वापस जाओ और आजादी जैसे नारे लगाए। खालसा कॉलेज के गेट से शुरू हुए इस मार्च के रास्ते में आने वाले कॉलेजों के दरवाजे बंद थे।

एक छात्रा ने कहा, हम बहस और चर्चा के लिए फिर से जगह हासिल करने के लिए मार्च कर रहे हैं। यह अहसमति के बावजूद सहअस्तित्व की स्वतंत्राता के बारे में है। पिछले हफ्ते रामजस कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के रद्द होने के बाद एबीवीपी और एआईएसए के बीच हुई हिंसक झड़प जैसी घटना दुबारा न हो इसके लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पिछले कार्यक्रम का संघ समर्थित छात्र इकाई ने यह कहकर विरोध किया था कि इसमें जेएनयू के छात्रा नेता उमर खालिद और शहला राशिद को आमंत्रित किया गया था।

छात्रों के साथ मार्च कर रहे एक फैकेल्टी सदस्य ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय पर कब्जा कर लिया गया है और प्रशासन इसे रोकने के लिए काम नहीं कर रहा।

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रामजस कॉलेज में हुई हिंसक झड़प के एबीवीपी की तिरंगा यात्रा तथा वामपंथी छात्रों के मंगलवार को मार्च के बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी एक दिन के भूख हड़ताल पर है। वामपंथी नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और  जेडीयू के केसी त्यागी भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे।

लेफ्ट संगठनों के विरोध मार्च का जवाब देने के लिए डूसू और एबीवीपी ने 2 मार्च को प्रदर्शन करने का फैसला किया है। डूसू  ने सेमीनार बुलाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी की मांग की है। एबीवीपी का कहना है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर भारत को तोड़ने के खिलाफ हम हमेशा खड़े रहेंगे। 

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TAGS: एबीवीपी, डूसू, डीयू, गुरमेहर, दिल्‍ली, delhi, gurmehar, delhi, DUSU, strike, march past
OUTLOOK 28 February, 2017
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