Advertisement
03 June 2021

कोरोना संकट के बीच 3,000 जूनियर डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा, सरकार ने सख्त कार्रवाई करने की दी थी चेतावनी

File Photo/ Symbolic Image

कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य कर्मयारियों ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए लोगों की जानें बचाई है। लेकिन, उनकी मांगो को पूरा नहीं किए जाने से वो नाराज हो चले हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजापा) शासित राज्य मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। 

दरअसल, कोरोना और ब्लैक फंगस के कहर के बीच एमपी में जूनियर डॉक्टर तीन दिनों से हड़ताल पर थे। तीन हजार डॉक्टरों ने अपनी मांगों को को लेकर काम करने से इंकार कर दिया था। जूनियर डॉक्टर सरकार मानदेय बढ़ाने और कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें और उनके परिवार के लिए मुफ्त इलाज की मांग कर रहे हैं। 

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि ये उनकी मजबूरी है। डॉक्टरों ने मांग की है कि सरकार उनके मानदेय को बढ़ाए और मांग को पूरा करे। हड़ताल पर रहने को लेकर प्रदेश सरकार ने जूनियर डॉक्टरों को सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।

Advertisement

वहीं, गुरुवार को एमपी हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैधानिक करार दिया था। हाईकोर्ट ने निर्देश में कहा था कि डॉक्टर 24 घंटे के भीतर काम पर शीघ्र लौटें। यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। दरअसल, शिवराज सरकार का कहना है कि जूनियर डॉक्टरों की अधिकांश मांगों को मान लिया गया है। इस बात की जानकारी राज्य सरकार के वकील ने हाईकोर्ट में दी है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Madhya Pradesh, Covid-19, Coronavirus, Covid Crisis
OUTLOOK 03 June, 2021
Advertisement