महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों के लिए मूल्य सीमा तय
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण का निजी और धर्मार्थ अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए प्रति दिन शुल्क को लेकर तीन स्लैब जारी की हैं और सरकार ने इन अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड के लिए दरों को विनियमित करने का निर्णय लिया है।
महाराष्ट्र में गैर-सरकारी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को अधिकतम रोगियों को भर्ती करने को कहा गया है जो उपलब्ध बेड में से 80 फीसदी बेड पर इन्हें भर्ती करेंगे और इसकी दरें सरकार की ओर से स्वीकृत की जाएंगी।
80% बेड राज्य सरकार द्वारा होगा विनियमित
राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, शुल्क विनिमयन का फैसला निजी और धर्मार्थ अस्पतालों के पृथक और गैर पृथक बेड पर लागू होगा। इसका मतलब है कि किसी भी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास उपलब्ध पृथक और गैर-पृथक वार्ड में 80 प्रतिशत बेड राज्य सरकार या नगरपालिका आयुक्त या जिला कलेक्टर द्वारा विनियमित किए जाएंगे।
दिशानिर्देश 31 अगस्त तक रहेंगे लागू
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता 20 प्रतिशत बेड पर अपनी दरों के हिसाब से शुल्क वसूल सकते हैं। यह दिशा-निर्देश 31 अगस्त तक लागू रहेंगे।
महाराष्ट्र में 41 हजार से अधिक मामले
महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 41 हजार के पार हो गई है। राज्य में लगातार पांचवे दिन दो हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए है। गुरुवार को 2,345 नए मामलों के साथ राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,642 हो गई है। अब तक 1,454 लोगों की जान भी जा चुकी है। वहीं अकेले मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,382 नये मामले आने से कुल आंकड़ा बढ़ कर 25,000 पार हुआ, जबकि कोविड-19 के 41 और मरीजों की मौत के साथ कुल मृतक संख्या बढ़ कर 882 पहुंची।