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11 January 2021

महाराष्ट्र अस्पताल अग्निकांड: दंपत्ति ने अपनी चौथी संतान भी खोई, बयां किया दर्द

महाराष्ट्र के भनारकर दम्पत्ति के घर विवाह के 14 साल और तीन मृत बच्चों के जन्म के बाद पिछले हफ्ते एक बच्ची के जन्म से खुशियां आई थीं, मगर भंडारा जिले के अस्पताल में लगी आग ने उनकी खुशियों को ऐसी असहनीय पीड़ा में बदल दिया, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। अस्पताल में शनिवार को लगी आग में उनकी बेटी के अलावा नौ अन्य शिशुओं की मौत हो गई।

हीरकन्या भनारकर (39) ने विवाह के बाद के सालों में एक के बाद एक तीन मृत बच्चों को जन्म दिया था। उसने 6 जनवरी को अंतत: एक जीवित बच्ची को जन्म दिया जिससे दंपति की खुशी का कोई ठिकाना न था। मगर अस्पताल में लगी आग ने उनकी इस बच्ची को भी उनसे छीन लिया।

हीरकन्या के पति हीरालाल भनारकर ने भंडारा में अकोली सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के बाहर रविवार रात को कहा, ‘‘ऐसा किसी के साथ नहीं हो… हंसते खेलते बच्चों से ही जीवन में खुशी मिलती है।’’

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बच्ची को खोने के दुख से टूट चुकी हीरकन्या इस समय पीएचसी में भर्ती हैं और किसी से भी बात करने में असमर्थ हैं।
एक नर्स ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘ वह (हीरकन्या) गहरे सदमे में है।’’ यह श्रमिक दम्पत्ति भंडारा की सकोली तहसील के उस्गांव गांव का रहने वाला है।

नर्स ने कहा, ‘‘बच्ची का जन्म वक्त से पहले गर्भावस्था के सातवें महीने में ही हो गया था और उसका वजन कम था, जिसकी वजह से जन्म के ही दिन भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में भर्ती किया गया था।’’ उन्होंने बताया कि इस गरीब दम्पत्ति के घर में शौचालय नहीं है, जिसकी वजह से बच्ची का जन्म समय से पहले हो गया था।

नर्स ने कहा, ‘‘जब मां शौच के लिए गई थी, तो वह गिर गई थी जिसके कारण बच्ची का समय से पहले जन्म हो गया। अगर यह हादसा नहीं हुआ होता, तो बच्ची दो महीने बाद स्वस्थ पैदा हुई होती।’’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने से जान गंवाने वाले नवजात शिशुओं के परिजन से रविवार को मुलाकात की थी और कहा था कि राज्य के सभी अस्पतालों का सुरक्षा ऑडिट करने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से भी बात की।

उन्होंने कहा, ”यह बेहद दुखद घटना थी। मैंने जान गंवाने वाले कुछ नवजात शिशुओं के परिजन से मुलाकात की। मेरे पास उनका दुख साझा करने के लिये शब्द नहीं है, क्योंकि जिनकी जान चली गई है, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता। मैंने उस जगह (भंडारा का अस्पताल जहां आग लगी थी ) का भी दौरा किया है। ” ठाकरे ने कहा, ”जांच के आदेश दिये जा चुके हैं, जिसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि आग दुर्घटनावश लगी या फिर यह सुरक्षा रिपोर्ट को नजरअंदाज करने का परिणाम है।”

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TAGS: अस्पताल में आग, महाराष्ट्र, भंडारा, बच्चों का अस्पताल, महाराष्ट्र अस्पताल अग्निकांड, Maharashtra Hospital Fire
OUTLOOK 11 January, 2021
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