राजस्थान के डूंगरपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा, एक की मौत, 'न्यायोचित मांग' मानने के लिए सीएम तैयार
राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती-2018 में टीएसपी क्षेत्र के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी अभ्यर्थियों से भरने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी है। अब इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। डूंगरपुर-आसपुर मार्ग पर स्थिति अनियंत्रित हो गई। वहीं रणसागर इलाके के पास उपद्रवियों ने तीन बाइक को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान हुई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है तथा समाज के किसी भी वर्ग की कानून-सम्मत व न्यायोचित मांगों पर विचार करने तथा संवाद के लिए हर समय तैयार है।
सीएम ने डूंगरपुर और उदयपुर जिलों में युवाओं के हिंसक आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए शनिवार रात पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर सहित कई आला अधिकारियों को डूंगरपुर भेजा। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और कानून-व्यवस्था को भंग नहीं करने की अपील की है। इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस बारे में मुख्यमंत्री गहलोत से फोन पर बात की थी।
बता दें कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवा गुरुवार शाम को उग्र हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव किया और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इस बीच, तनावग्रस्त इलाके में गोली चलने व एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
हिंसाग्रस्त क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को दो और बाइक जला दीं तथा पुलिस पर पथराव किया जबकि एक राजमार्ग पर युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर हालात को सामान्य बनाने की कोशिश के तहत आंदोलनकारी युवाओं के प्रतिनिधि मंडल की जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई।
सीएम गहलोत ने हालात की समीक्षा के लिए शनिवार रात मुख्यमंत्री निवास पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख गृह सचिव अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक (अपराध) एम.एल. लाठर सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर हिंसा-प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों कोहालात पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर स्थिति को नियंत्रण में रखने तथा कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक लाठर, जयपुर के पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एम.एन. दिनेश सहित अन्य अधिकारियों को रात्रि में ही हेलीकॉप्टर से डूंगरपुर भेजा।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है तथा समाज के किसी भी वर्ग की कानून-सम्मत व न्यायोचित मांगों पर विचार करने तथा संवाद के लिए हर समय तैयार है। उन्होंने टीएसपी क्षेत्र के विद्यार्थियों एवं नौजवानों से अपील की है कि वे हिंसा को छोड़े और सरकार के समक्ष अपनी बात रखने के लिए आगे आएं।
इससे पहले राज्यपाल मिश्र ने शनिवार शाम राज्य के प्रमुख सचिव अभय कुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव को राजभवन बुलाया और उन्हें इस हिंसा पर तत्काल नियंत्रण के निर्देश दिए।
वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर उदयपुर पहुंचे जनजाति क्षेत्र विकास मंत्री अर्जुन बामणिया, उदयपुर से पूर्व सांसद रघुवीर मीणा व अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आंदोलनकारी युवाओं के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। यह बातचीत लगभग तीन घंटे चली।
मीणा ने पीटीआई से कहा,''हमने प्रदर्शनकारियों से हिंसक रास्ता छोड़ने को कहा और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए वैधानिक तरीके से जो भी संभव है करेगी।'' बैठक में बामणिया के अलावा भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत व रामप्रसाद, कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा, पूर्व सांसद ताराचंद भागोरा और कुछ वकील भी शामिल हुए। रोत ने कहा, ''शुरू में प्रदर्शन अभ्यर्थी युवाओं ने किया था लेकिन हमारे पास ऐसी रपटें हैं कि पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने स्थानी ग्रामीणों को निशाना बनाया और उन्हें गिरफ्तार किया जिससे हिंसा और भड़की। अब यह मामला ग्रामीण बनाम पुलिस व प्रशासन हो गया है।''
इस बीच, डूंगरगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-आठ पर पथराव व आगजनी की और घटनाएं शनिवार को हुईं। पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार दो बाइक जला दी गयीं और प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत भी हुई। हिंसा प्रभावित इलाके में फायरिंग होने व एक युवक की मौत की खबर भी आई।
हालांकि पुलिस व प्रशासन के किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की। एक अधिकारी के अनुसार गोली चली लेकिन किसने चलाई यह अभी पता नहीं चला है। इससे पहले, उदयपुर रेंज की पुलिस महानिरीक्षक बिनीता ठाकुर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इलाके में कानून-व्यवस्था बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ठाकुर ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ''प्रदर्शनकारी राजमार्ग के दोनों ओर पहाड़ियों पर मौजूद हैं जबकि राजमार्ग पर पुलिस बल मौजूद है।'' उन्होंने कहा कि हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी के अनुसार, रतनपुर से खारीवाड़ा तक लगभग 25 किलोमीटर की दूरी में राजमार्ग बंद है। पिछले दो दिन में प्रदर्शनकारियों ने 20 से अधिक वाहनों को आग लगाई है, कथित तौर पर पेट्रोल पंप व होटल में लूटपाट के साथ ही कई और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। डूंगरपुर के पुलिस अधीक्षक के वाहन सहित पुलिस के कई वाहनों को जला दिया गया है। पत्थराव में 35 पुलिस वाले घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवा बृहस्पतिवार शाम को उग्र हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव किया और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। यह हिंसा शुक्रवार को भी जारी रही जबकि डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर प्रदर्शनकारियो ने पुलिस दल पर पथराव किया और कुछ बसों को आग लगा दी। प्रशासन ने एहतियातन जिले में निषेधाज्ञा लगाते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।