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30 April 2021

मोदी सरकार ने क्या फिर कर दी है चूक, राज्यों ने खड़े किए हाथ

file photo

भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली से महाराष्ट्र तक चारो ओर हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन सहित कई जरूरी दवाओं की भी किल्लत पैदा हो गई है। इस बीच सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण शुरू करने का फैसला किया है। जिसका रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है। मगर कई राज्यों की ओर से वैक्सीन की कमी होने की शिकायत मिली है। राज्यों का कहना है कि ऐसी स्थिति में वे टीकाकरण अभियान 1 मई से शुरू कर पाने में सक्षम नहीं हैं।  ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि अगर देश में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, राज्य के पास भी पर्याप्त स्टॉक नहीं है तो फिर क्या बिना तैयारी के ही  टीकाकरण के तीसरे चरण का ऐलान कर दिया गया?

दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक सहित कई राज्यों ने कहा है कि उनके यहां वैक्सीन की कमी है। ऐसे में वे 1 मई से वैक्सीनेशन अभियान के तीसरे चरण को शुरू करने में असमर्थ हैं। बता दें कि इसमें केवल विपक्षी दलों के राज्य ही नहीं बल्कि भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने 18 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का ऐलान किया है, लेकिन अभी वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। राज्य सरकार का कहना है कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर दे दिया है, लेकिन सप्लाई नहीं हुई है। महाराष्ट्र के हालात बेहद गंभीर हैं यहां अभी 45 साल से ऊपर वाले लोगों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में मुंबई में तीन दिन के लिए वैक्सीनेशन पूरी तरह रोक दिया गया है।

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कुछ दिनों पहले ही स्पष्ट कहा था कि उन्होंने वैक्सीन का ऑर्डर दिया है, लेकिन वैक्सीन निर्माताओं की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में युवाओं को धैर्य रखना पडे़गा क्योकि 1 मई से वैक्सीनेशन शुरू होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

भाजपा प्रशासित राज्य मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिनों पहले ही ऐलान किया था कि 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन नहीं लगेगी, क्योंकि वैक्सीन का जो ऑर्डर किया है वो अभी तक नहीं पहुंचा है। फिलहाल अभी राज्य में 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम जारी है।

हालही में टीकाकरण अभियान को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 25-25 लाख डोज की मांग की गई है। जिसमें तीन लाख डोज मई में राज्य को मिलेगी। ऐसी परिस्थिति में वर्तमान में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने और वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने से टीकाकरण के लिए बनी साइट्स पर भीड़ प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

राजस्थान सरकार ने भी वैक्सीन की कमी होने के कारण 15 मई से वैक्सीनेशन प्रोग्राम का तीसरा चरण शुरू करने का फैसला किया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के अनुसार उनके राज्य को करीब 7 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है। 3.75 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया जा चुका है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि 15 मई तक ही वैक्सीन की सप्लाई हो पाएगी।

 

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा कि हमने सीरम इंस्टीट्यूट को एक करोड़ खुराकें लेने का ऑर्डर दिया, लेकिन वो कल तक हमें वैक्सीन देने के लिए तैयार नहीं हुए। हमारी 18-44 साल के उम्र वाले लोगों से अपील है कि कल वो अस्पताल ना आए क्योंकि राज्य में वैक्सीन नहीं है।

 

बता दें कि कई राज्यों ने अपने यहां 1 मई से टीकाकरण अभियान शुरू करने से इनकार कर दिया है, लेकिन 18 प्लस वाले लोगों के लिए जैसे ही रजिस्ट्रेशन ओपन हुए उन्होंने वैसे ही कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया। पहले दिन पोर्टल पर करीब सवा करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए और दूसरे दिन लगभग 1 करोड़। सभी लोग रजिस्ट्रेशन ही कर पा रहे हैं। वैक्सीन कब लगेगी, कहां लगेगी इसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है।

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TAGS: टीकाकरण का तीसरा चरण, टीकाकरण अभियान, केंद्र सरकार की लापरवाही, वैक्सीन की कमी, राज्यों में वैक्सीनेशन, देश में कोरोना वैक्सीनेशन, कोविशील्ड, कोवैक्सीन, कोरोना टीकाकरण अभियान, Third phase of vaccination, vaccination campaign, negligence of the Central Governmen
OUTLOOK 30 April, 2021
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