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16 September 2022

मैरिटल रेप क्राइम है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, अगले साल फरवरी में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले में अगले साल फरवरी में सुनवाई होगी। कोर्ट को तय करना है कि पति का पत्नी से जबरन संबंध बलात्कार है या नहीं। 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने इस मामले में अलग-अलग फैसला दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। अब कोर्ट को तय करना है कि पति का पत्नी से जबरन संबंध दुष्कर्म है या नहीं।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने मैरिटल रेप के अपराधीकरण को लेकर बंटा हुआ फैसला सुनाया था। बेंच में से एक जज ने अपने फैसले में मैरिटल रेप को जहां अपराध माना है वहीं दूसरे जज ने इसे अपराध नहीं माना था। सुनवाई के दौरान जहां खंडपीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया, वहीं न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि आईपीसी के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है।

बता दें कि भारतीय कानून में मैरिटल रेप अपराध नहीं है। हालांकि, एक लंबे समय से इसे अपराध घोषित करने की मांग कई संगठन कर रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर इसे आईपीसी की धारा-375 (दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म के तौर पर लिए जाने की मांग की थी। हाईकोर्ट में दोनों जजों की इस मामले पर सहमति नहीं थी जिसके बाद कोर्ट ने 3 जजों की बेंच में भेजने का निर्णय लिया।

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TAGS: Marital rape case, Supreme Court, Notice to Center, Delhi High Court, February 2023
OUTLOOK 16 September, 2022
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