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06 July 2016

मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

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अखबार से एक बातचीत में वरिष्‍ठ पत्रकार अ‍ंबिका नंदन सहाय ने कहा कि जब ब्राह्मण-बनिया समीकरण पर भाजपा निर्भर थी तब यह बहुत छोटी पार्टी थी। लेकिन कल्याण सिंह के मामले से यह सबक मिला कि जब तक पिछड़े वोट बैंक का एक महत्वपूर्ण धड़ा टूटकर इनके पास नहीं आएगा तब तक ये जीत दर्ज नहीं कर पाएंगे। कल्‍याण मामले पर सीख लेकर अब यूपी के चुनाव के लिहाज से पीएम मोदी ने अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया है जबकि उन्हें कोई ख़ास राजनीतिक अनुभव नहीं है। उन्हें इसलिए लिया गया क्योंकि वो कुर्मी समाज से हैं और पिछड़ों में कुर्मी समाज का अच्छा प्रभाव है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में वो अच्छी तदाद में हैं।

सहाय के अनुसार बिहार में नीतीश कुमार से पटखनी खाने के बाद भाजपा को सभी वर्गों को साधने की बात समझ में आई है।वर्ष 2007 में मायावती ने साबित किया कि यदि ब्राह्मणों को ठीक-ठाक प्रतिनिधित्व दिया जाए तो ये 'विनिंग कार्ड' हो सकता है। मोदी-शाह को एहसास था कि अगर ब्राह्मण भाजपा से अलग हुए तो मायावती के जीत के आसार बन सकते हैं। नजमा और कलराज, एक मुसलमान और एक ब्रह्मण को हटाने का मतलब आने वाले उत्तर प्रदेश के चुनावों के संदर्भ में समझ आता है। 

 

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TAGS: पीएम मोदी, कैबिनेट, अमित शाह, मीडिया, यूपी चुनाव, media, up election, pm modi, amit shah, bjp.
OUTLOOK 06 July, 2016
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