गृह मंत्रालय का लापता अधिकारी हिरासत में
जोशी बुधवार की सुबह गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित अपने आवास से लापता हो गए थे। उन्हें पश्चिम दिल्ली के तिलक नगर इलाके से पकड़ा गया और पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया। सीबीआई प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि सीबीआई आरोपी का पता लगा रही थी और सूचना के आधार पर कि वह पश्चिम दिल्ली इलाके में हैं शाम पांच बजे के करीब उन्हें हिरासत में लिया गया।
जोशी और कुछ अनाम लोगों के खिलाफ भ्रष्ट आचरण और मनमाने तरीके से विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत कई एनजीओ को नोटिस जारी करने में शामिल रहने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। ये एनजीओ विदेशी चंदा हासिल करते थे और इसमें तीस्ता सीतलवाड का सबरंग ट्रस्ट भी शामिल है। जोशी ने आरोप को खारिज कर दिया है और अपने वरिष्ठों पर एनजीओ को क्लीन चिट देने का उनपर दबाव डालने का आरोप लगाया है। घर से रवाना होने से पहले लिखे गए अपने पत्र में जोशी ने दावा किया था कि हाल के महीनों में उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब सीतलवाड के दो एनजीओ द्वारा एफसीआरए के कथित उल्लंघनों से संबंधित फाइलों के गृह मंत्रालय से गायब होने की बात सामने आई। फाइलें बरामद कर ली गईं और एफसीआरए संभाग को सौंप दी गईं और सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा गया। सूत्रों ने बताया कि यह गौर किया गया कि फाइलें गायब हैं जब गृह मंत्रालय ने सीतलवाड के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया।
सबरंग ट्रस्ट का लाइसेंस नौ सितंबर, 2015 को गृह मंत्रालय ने एफसीआरए नियमों के कई उल्लंघन को लेकर निलंबित कर दिया था। इसमें ट्रस्टियों के निजी लाभ के लिए कोष के दुरुपयोग का भी आरोप शामिल है। जब गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पाया कि फाइलें लापता हैं तो उन्होंने जांच की और पाया कि जोशी वो अधिकारी हैं जो फाइल ले गए थे। उन्हें तलब किया गया और फाइल वापस लिया गया। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि एक अवर सचिव को फाइल ले जाने की अनुमति नहीं है। सिर्फ संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारी फाइल घर ले जा सकते हैं। यह गंभीर उल्लंघन है।