Advertisement
25 June 2017

भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

Twitter

गुरुवार की रात दिल्ली से हरियाणा जाने वाली ट्रेन में पैसेंजर्स की हैवानियत ने दिल दहला कर रख दिया। उन्मादी भीड़ ने चार मुस्लिम युवकों की न केवल जमकर पिटाई कर दी बल्कि उसे चलती ट्रेन से नीचे भी फेंक दिया। इस घटना में एक युवक की मौत हो गई। जबकि तीन लोग घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। मृत युवक का नाम जुनैद है। वहीं हासिब, शकीर और मोहसिन नाम के तीन युवक घायल हैं। गौरतलब है कि यह वाकया दिल्ली से मात्र 20 किलोमीटर दूर वल्लभगढ़ के करीब  हुआ। एनडीटीवी के अनुसार घायल युवक मोहसिन ने बताया, “हमारे चचेरे भाई ने चेन पुलिंग की कोशिश की लेकिन ट्रेन नहीं रुकी।” पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि जब उन लोगों ने पुलिस से मदद मांगी तो फिर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। लोगों ने भी उनके अनुरोध को ठुकरा दिया। अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में घायल युवकों ने बताया वे फरीदाबाद जिले के एक छोटे से गांव खंडावली के रहने वाले हैं। ईद की खरीददारी करके दिल्ली से लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि तुगलकाबाद से चढ़े यात्रियों ने हमारी टोपी को देख फब्तियां कसीं और सीट से उठने को कहा।

कोई गवाह नहीं

इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, अधिकारियों को चश्मदीद गवाह खोजने में दिक्कतें आ रही है। पुलिस ने अभी तक एक शख्स की गिरफ्तारी की है। कहा जा रहा है कि ट्रेन में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था, इसलिए पुलिस को कार्रवाई करने में कठिनाई सामने आ रही है।

Advertisement

पीड़ित और पुलिस के बयानों में फर्क

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एफआईआर दर्ज कराने वाले हासिब (जुनैद के भाई) ने आरोप लगाया, “पहले उन लोगों ने मजहब के नाम पर गालियां दीं और जब विरोध किया तो मारने पर उतारू हो गए। इसके बाद वहां कई लोग जमा हो गए और सबने हम चारों को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उनलोगों ने बल्लभगढ़ के पास दिल्ली से 20 किलो मीटर दूर असावटी स्टेशन पर ट्रेन से नीचे फेंक दिया।” घायल युवक हासिब ने एनडीटीवी को बताया “हमलावर भीड़ में से कोई बार-बार हमें मांस खाने वाला बता रहा था और भीड़ को उकसा रहा था।” वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीट को लेकर हुई बहस के बाद यात्रियों में झगड़ा हुआ।

आरोपी ने कहा...

एनडीटीवी के मुताबिक जब पत्रकारों ने आरोपी से पूछा कि उसे क्यों मारा, क्या कोई बीफ की बात हुई थी? इसपर आरोपी ने कहा, “मैं शराब के नशे में था मुझे फोन कर बुलाया गया था। मैंने बीफ की बात नहीं की, मेरे दोस्त कह रहे थे कि ये गाय खाते हैं, इन्हें मारो।”

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: mob-rule, No one has ever come to save, witness, Faridabad lynching
OUTLOOK 25 June, 2017
Advertisement