जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष पैकेज का ऐलान संभव, आज की कैबिनेट में हो सकता है फैसला
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केन्द्र सरकार अब वहां के लिए बड़े पैकेज की घोषणा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पैकेज को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान की लगातार धमकियों और सीमा पार से आतंकवादियों को भारत की सीमा के अंदर भेजकर अशांति फैलाने के प्रयास के बारे में आ रही खुफिया रिपोर्ट के मद्देनजर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यॉरिटी की भी बैठक होगी।
माना जा रहा है कि केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अस्तित्व में आने के साथ, सरकार दो केंद्रशासित प्रदेशों में विकास और नौकरियों को लाने में कोई समय बर्बाद नहीं करना चाहती है। यह कदम जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लेकर गृह मंत्रालय में मंगलवार को विभिन्न मंत्रालयों के बीच हुई बैठक के बाद आया है जिसमें राज्य में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन और कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति लौटाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों पर चर्चा की गई है।
मंत्रिमंडल की बैठक में नौकरियों, निवेश और कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के वादे पर कदम उठाने की संभावना है।
अटकलें हैं कि सरकार राज्य का विशेष दर्जा हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक केंद्रीय कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए करोड़ों रुपये के पैकेज के साथ सामने आ सकती है। 106 केंद्रीय कानून 31 अक्टूबर, 2019 से राज्य में पूरी तरह से लागू हो जाएंगे।
एक सूत्र ने कहा, "केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर के लिए एक विशेष पैकेज पर काम कर रही है, जिसमें 31 अक्टूबर, 2019 से राज्य में केंद्रीय कानूनों को पूरा करने के लिए करोड़ों रुपये का निवेश शामिल है।"
मंगलवार को हुई थी चर्चा
नव-नियुक्त केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई गृह मंत्रालय की बैठक में वित्त, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग सहित केंद्र सरकार के विभागों के 15 से अधिक सचिवों की उपस्थिति देखी गई। भल्ला ने 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आने से पहले दो नए केंद्रशासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन के रोडमैप का आकलन किया।
पिछले सप्ताह भी हुई थी बैठक
सूत्र ने बताया, "पिछले सप्ताह केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक परियोजनाओं और फंड के मूल्यांकन के लिए श्रम, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और मानव संसाधन विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के एक दर्जन से अधिक मंत्रियों के साथ बैठक की थी।”
हालांकि, पैकेज की एक सटीक राशि की विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दिए गए प्रस्तावों के आधार पर गणना की जानी है। यह प्रस्ताव जल्द ही व्यय वित्त समिति को भेजा जाएगा और सार्वजनिक घोषणा से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भी इसका अनुमोदन किया जा सकता है।
क्या हो सकता है प्रस्ताव में
अन्य प्रस्तावों में श्रम मंत्रालय ने राज्य में कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा एक नया अस्पताल बनाने का प्रस्ताव दिया है।नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 लागू करने के लिए केंद्र सरकार को भी करोड़ों रुपये देने होंगे। केंद्र सरकार राज्य में लोगों को विभिन्न लाभों और सब्सिडी के सीधे हस्तांतरण के लिए आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवा की लक्षित डिलीवरी) अधिनियम, 2016 को भी लागू करेगी।