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26 May 2018

'Big Brother' टूल के जरिए अब सोशल मीडिया और ईमेल पर निगरानी रखने की तैयारी में सरकार

फेसबुक डेटा सेंधमारी, निजी जानकारियों के दुरुपयोग जैसे विवादों के बीच अब सरकार सोशल मीडिया और ईमेल पर निगरानी रखने की तैयारी में लग गई है। इसे लेकर मोदी सरकार एक बार फिर घिर सकती है। जानकार और विपक्ष इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन के तौर पर देख रहे हैं। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये एनालिसिस टूल किसी व्यक्ति की डिजिटल प्रोफाइल के द्वारा सरकारी नीतियों पर उनकी सोच का अनुमान लगाएगा। जानकारों का मानना है कि कि ऐसे डेटा का राजनीतिक उद्देश्य से गलत उपयोग भी हो सकता है।

रिपोर्ट में सूचना प्रसारण मंत्रालय की बीते महीने की 25 तारीख की अधिसूचना के हवाले से बताया गया है कि किस तरह सरकार ने कंपनियों को यह टूल डिलीवर करने का निमंत्रण दिया है। उनकी योजना इसे सोशल मीडिया हब बताने की है जो मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया की छानबीन करेगा। ये भावनाओं का अंदाज़ा लगाएगा, रिपोर्ट भेजेगा और किसी विशेष टॉपिक को ट्रेंड भी कराएगा। यानी ये ईमेल, ऐप्स का सारी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रख सकता है।

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रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कहा है कि ईमेल, न्यूज और शिकायत करने वाली वेबसाइट्स के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर तक इसके दायरे में होने चाहिए। इसके लिए दिल्ली में उनके पास 24 घंटे काम करने वाला 20 लोगों का स्टाफ होगा साथ ही देश के 716 जिलों में सोशल मीडिया एग्जिक्यूटिव भी होंगे।

विपक्ष को ऐतराज

कांग्रेस नेता और पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “कैबिनेट की मंजूरी के साथ मैंने वर्चुअल दुनिया में सरकार के आउटरीच के रूप में 2013 में सूचना प्रसारण मंत्रालय के न्यू मीडिया/सोशल मीडिया विंग की स्थापना की थी। लोगों पर निगरानी/big brother राज्य का साधन नहीं होना चाहिए। यह जनादेश को परेशान करने का प्रयास है।”

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TAGS: Modi Government, plans, big brother tool, track social media, email, Congress, criticized
OUTLOOK 26 May, 2018
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