50 से अधिक वन्यजीव गंभीर खतरे में
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावडेकर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने इनमें से उभयचरों की 18 प्रजातियों, मछलियों की 14 प्रजातियों, पक्षियों की 13 प्रजातियों और स्तनपाइयों की 10 प्रजातियों को अत्यधिक संकटग्रस्त तथा 69 मछलियों, 38 स्तनपाइयों और 32 उभयचरों सहित 310 प्रजातियों को संकटग्रस्त माना है। उन्होंने कहा कि बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (बीएसआई) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश में कराए गए विभिन्न सर्वेक्षणों से संवहनी पादपों (वेस्कुलर प्लांट्स) की 19,156 प्रजातियों में से 1,236 प्रजातियां अत्यधिक संकटग्रस्त, संकटग्रस्त और असुरक्षित जैसी श्रेणियों की हैं।
उन्होंने कहा कि विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में भारत सरकार ने एक संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क स्थापित किया है जिसके तहत विभिन्न जैव भौगोलिक क्षेत्रों में 103 राष्ट्रीय उद्यानों, 535 वन्यजीव अभ्यारण्यों, 26 सामुदायिक रिजर्व और 66 संरक्षण रिजर्व सहित 730 संरक्षित क्षेत्र स्थापित किए हैं, जिनमें प्राथमिक तौर पर बाघ, गैंडों, हाथी जैसे विलुप्तप्राय पशु पक्षियों और पेड़ पौधों को शामिल किया गया है।