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04 September 2020

सुप्रीम कोर्ट ने JEE-NEET परीक्षा पर 6 राज्यों की पुनर्विचार याचिका खारिज की

नीट-जेईई परीक्षा को लेकर 6 राज्यों की ओर से दाखिल रिव्यू पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बता दें कि गैर-बीजेपी शासित छह राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने नीट और जेईई परीक्षा को टालने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसमें कोर्ट से 17 अगस्त को दिए गए आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

 इससे ये स्पष्ट हो गया है कि अब देशभर में जेईई मेन और नीट परीक्षाएं अपने तय शेड्यूल पर ही आयोजित की जाएंगी। जेईई और नीट परीक्षाओं को लेकर चेंबर में तीन जजों की पीठ ने विचार किया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने विचार करने के बाद 6 राज्यों के 6 कैबिनेट मंत्रियों द्वारा जेईई मेन और नीट परीक्षाओं पर पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज करने का निर्णय सुनाया। बता दें कि 17 अगस्त को फैसला देने वाली पीठ की अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा कर रहे थे, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनकी जगह जस्टिस अशोक भूषण ने ली है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जेईई और नीट परीक्षा पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की गई थी। वकील सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट का 17 अगस्त का आदेश नीट और  जेईई परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों / उम्मीदवारों की सुरक्षा और उनके जीवन के अधिकार को सुरक्षित करने में नाकाम रहा है।

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याचिकाकर्ताओं में मोलोय घटक (मंत्री-प्रभारी, श्रम और ईएसआई (एमबी) योजना और कानून और न्यायिक विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ. रामेश्वर उरांव (कैबिनेट मंत्री, झारखंड सरकार), डॉ. रघु शर्मा (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, राजस्थान सरकार), अमरजीत भगत (खाद्य, नागरिक आपूर्ति, संस्कृति, योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, छत्तीसगढ़ सरकार), बलबीर सिंह सिद्धू (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण), और उदय रवींद्र सामंत (उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री, महाराष्ट्र सरकार) शामिल हैं।

बता दे कि 17 अगस्त को शीर्ष अदालत ने सितंबर 2020 में होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा और संयुक्त प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी थी. पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का करियर संकट में आ जाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि जीवन को कोरोना में भी आगे बढ़ना चाहिए। क्या हम केवल परीक्षा रोक सकते हैं? हमें आगे बढ़ना चाहिए। यदि परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र शैक्षणिक वर्ष खो देंगे।

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TAGS: Supreme Court, review petition, ministers of six states, Congress, NEET-UG, JEE Mains, NEET JEE examinations, सुप्रीम कोर्ट, नीट, जेईई, नीट जेईई परीक्षा
OUTLOOK 04 September, 2020
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