भारत बंद का झारखंड में असर, सड़क पर उतरे सत्ताधारी व वामपंथी
कृषि संबंधी तीन कानूनों की वापसी को लेकर आठ दिसंबर को भारत बंद के कॉल का झारखंड के विभिन्न जिलों में असर दिख रहा है। हालांकि पुलिस भी चौक-चौराहों पर तैनात है। किसान आंदोलन को लेकर जारी राजनीति के बीच झाखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सहयोगी और वामपंथी दलों ने भी बंद का समर्थन किया था।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा था के देश के आन बान शान हैं हमारे मेहनती किसान। देश के मालिक को मजदूर बनाने के केंद्र सरकार के षडयंत्र के खिलाफ झारखंण्ड में भी होगा उलगुलान। किसान अन्नदाताओं के पक्ष में झारखंड मुकित मोर्चा परिवार आठ दिसंबर को भारत बंद का पूर्ण समर्थन करता है। मुख्यमंत्री के अपील और सहयोगी दलों के समर्थन का बंद पर असर पड़ा है।
सुबह से ही झामुमो और कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता झंडा, बैनर लेकर सड़कों पर उतर गये। रांची में ही कांके चौक, रातू रोड, पिस्का मोड़, मेन रोड सहित शहर में प्रवेश करने वाली मुख्य सड़कों पर बल्ला, बेंच लगाकर सड़क जाम कर दिया, धरना पर बैठ गये। पिस्का मोड़ पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक बंधु तिर्की सहित सड़क पर ही बैठ गये। रांची में प्रदर्शन का केंद्र रहने वाले अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शनकारी जत्थों में आते रहे।
यहां पुलिस चौकसी के कारण यातायात पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने दुकानें भी बंद कराईं। रांची से दूसरे जिलों को जाने वाली सड़कों पर अनेक इलाकों में वाहनों का परिचालन प्रभावित हुआ। रांची, पलामू, धनबाद, देवघर, गिरिडीह, कोडरमा, सिमडेगा, गोड्डा, चाईबासा, चतरा सहित विभिन्न इलाकों में लोगों ने प्रदर्शन किया, सड़क पर उतरकर सड़क जाम किया, दुकानें, बाजार बंद कराईं।
इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि कृषि कानून पर यूपीए का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस, डीएमके, राजद, सपा, बसपा वामपंथी, टीएमसी जैसी अनेक पार्टियों ने किसान बिल को अपना समर्थन दिया था। आज विरोध की राजनीतिक कर रहे हैं। राजनीतिक लाभ के लिए किसान हित की बली चढ़ा रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्वीट की आलोचना करते हुए कहा है कि बंद का उन्हें समर्थन ही करना था तो प्रदेश में छुट्टी घोषित कर देना चाहिए था, प्रशासन को बंद करने के काम में लगा देना चाहिए।