Advertisement
27 February 2015

मोदी का नया धर्मग्रंथ

पीटीआइ

विपक्ष और सहयोगी दलों के दबाव के बीच विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव के लिए सहमत होने का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद में कहा कि अगर इसमें किसानों के खिलाफ एक भी चीज है तो वह उसे बदलने को तैयार हैं। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वह इसे प्रतिष्ठा का विषय न बनाकर इसे पारित होने दें।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान संसद में पहली बार भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा,  इसे प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाएं। इसमें कोई कमियां हैं तो उसे ठीक कर लें। कानून बन जाने के बाद इसका सारा श्रेय पुराने (कानून) बनाने वालों को दूंगा।

भूमि अधिग्रहण के पूर्व कानून के संदर्भ में कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के लिए लाभकारी बताते हुए वे इसे चुनाव में लेकर गए थे लेकिन उन्हें इतनी कम सीटें मिली जितनी आपातकाल के बाद भी नहीं मिली थी।

Advertisement

प्रधानमंत्री ने साम्प्रदायिकता पर भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने या कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और देश संविधान के दायरे में चलेगा। उन्होंने कहा कि  साम्प्रदायिकता के नाम पर अनाप-शनाप बोलने वालों को कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार का एक ही धर्म है-भारत। सबसे पहले, एक ही धर्मग्रंथ है- भारत का संविधान, एक ही भक्ति है- भारत भक्ति, एक ही पूजा है- सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी, संसद, भूमि अधिग्रहण, कांग्रेस, साम्प्रदायिकता
OUTLOOK 27 February, 2015
Advertisement