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13 February 2020

निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Outlook

केंद्र सरकार की एक याचिका के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस मामले के चार दोषियों के फांसी की सजा पर सुनवाई की। इस मामले के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के अनुरोध वाली केन्द्र की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों से कहा कि वे अलग-अलग फांसी देने की केन्द्र की याचिका पर शुक्रवार तक जवाब दाखिर करें। कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता के मामले में वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को न्याय मित्र नियुक्त किया।

बता दें कि निर्भया के माता-पिता द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की गई है। 

अलग से फांसी क्यों नहीं दी जानी चाहिए?

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मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को लेकर दोषियों से सवाल पूछा है कि "उन्हें अलग से फांसी क्यों नहीं दी जानी चाहिए?" इसी के मद्देनजर कोर्ट ने 14 फरवरी तक मामले को स्थगित कर दिया है ताकि निर्भया के दोषियों को इस सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का मौका मिले। वहीं, गुरुवार को दोपहर 3 बजे निचली अदालत चारों दोषियों की फांसी की नई तारीख पर विचार करेगी।

केंद्र ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

दरअसल, निचली अदालत द्वारा जारी किए गए डेथ वारंट की दो तारीखों को कानूनी प्रक्रिया की वजह से लागू नहीं किए जाने के बाद फांसी में हो रही देरी को लेकर केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था और दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के आदेश की मांग की थी। केंद्र की तरफ से दलील देते हुए कहा गया कि जिन दोषियों ने अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। जब हाई कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी तब केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

दोषियों के वकील ने उठाए सवाल

फिर सवाल उठता है कि जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विचार कर रही है फिर कैसे निचली अदालत दोषिओं के फांसी देने की तारीख तय करेगी? निर्भया केस के दो दोषियों के वकील एपी सिंह सवाल उठाते हुए कहते है, “केंद्र सरकार को इस मामले में सभी चार दोषियों का प्रतिवादी बनाया गया है। क्या सेशन कोर्ट उन्हें तब तक फांसी देने की तारीख तय कर सकती है जब तक केंद्र सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादी बना रहता हैं?”     

कोर्ट ने दोषियों को जवाब देने को कहा

दरअसल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 फरवरी के एक आदेश के बाद यह स्थिति पैदा हुई है। पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा याचिका दायर करते हुए कोर्ट से सभी चार दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग की था। जिसके बाद कोर्ट ने दोषियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा। साथ ही कोर्ट ने केंद्र को फांसी की नई तारीख जारी करने के लिए निचली अदालत से संपर्क करने की अनुमति दी। ए के सिंह कहते है कि यह बातें खुद में विरोधाभास पैदा कर रहा है।

 

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TAGS: Nirbhaya case, lower court, issue death warrant, supreme court, separate hanging
OUTLOOK 13 February, 2020
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