निर्भया फिल्म: पाबंदी हटाने की मांग
दिल्ली की एक अदालत ने चार मार्च को कहा था कि मुजरिम के साक्षात्कार के प्रसारण पर रोक अगले आदेश तक लगी रहेगी। मुजरिम का साक्षात्कार तिहाड़ जेल में लिया गया था।
विधि के एक विद्यार्थी ने जनहित याचिका दायर कर इस आधार पर पाबंदी हटाने की मांग की है कि यह कुछ नहीं बल्कि युवती के बलात्कारियों में एक के दिलो-दिमाग में झांकने की ईमानदारी कोशिश है।
यह साक्षात्कार सामूहिक बलात्कार कांड के मुजरिमों में एक मुकेश सिंह का है।
याचिका में कहा गया है कि 16 दिसंबर की घटना की पीडि़त के अभिभावकों ने भी इस डॉक्यूमेंटी के प्रसारण पर ऐतराज नहीं जताया है।
याचिकाकर्ता विभोर आनंद ने यह भी कहा, कानूनी अनुमति देने तथा डॉक्यमेंटी के निर्माताओं द्वारा कानूनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने के बाद इस फिल्म के प्रसारण का विरोध करना कानूनी रूप से गलत है।
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर, 2012 को फिजियोथेरेपी की एक छात्रा फिल्म देखकर जब अपने एक मित्र के साथ लौट रही थी तभी उसके साथ बस में बर्बर सामूहिक बलात्कार किया गया था।