नीता अंबानी एशिया की सबसे सशक्त महिला कारोबारी: फोर्ब्स
एसबीआई की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरुंधती भट्टाचार्य को 2016 की एशिया की 50 शक्तिशाली महिला कारोबारी की सूची में दूसरा स्थान दिया गया है जिसमें चीन, इंडोनेशिया, आस्टेलिया, वियतनाम, थाइलैंड, हांगकांग, जापान, सिंगापुर, फिलिपींस और न्यूजीलैंड की प्रभावशाली महिलाएं शामिल हैं।
अंबानी और भट्टाचार्य के अलावा भारत की छह महिलाओं ने इसमें स्थान बनाया है जिनमें एमयू सिग्मा की मुख्य कार्यकारी अंबिगा धीरज (14), वेलस्पन इंडिया की मुख्य कार्यकारी दिपाली गोयनका (16), ल्यूपिन की मुख्य कार्यकारी विनीता गुप्ता (18), आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर (22), वीएलसीसी हेल्थकेयर की संस्थापक एवं उपाध्यक्ष वंदना लूथरा (25) और बायोकॉन की संस्थापक और चेयरमैन एवं प्रबंधन निदेशक किरण मजूमदार शॉ (28) शामिल हैं।
फोर्ब्स ने कहा, ‘इस सूची में स्वीकार किया गया है कि कारोबारी दुनिया में महिलाएं अपनी जगह बना रही हैं लेकिन स्त्री-पुरष असमानता बरकरार है। महिलाएं यह समझने की बेहतर स्थिति में हैं कि उन्हें नेतृत्व की स्थिति में आने और वहां बने रहने के लिए क्या करना होगा।’ फोर्ब्स ने 52 वर्षीय नीता को भारतीय उद्योग जगत की प्रथम महिला करार देते हुए कहा कि वह राजगद्दी की सबसे करीबी ताकत है और उन्होंने रिलायंस इंडस्टीज में अपनी बढ़ती हैसियत के कारण इस सूची में पहली बार स्थान बनाया है। रिलायंस इंडस्टीज के प्रमुख उनके पति और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी हैं।
फोर्ब्स ने 60 वर्षीय अरुंधती के बारे में कहा कि वह सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षा से गुजर रही है क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बढ़ते एनपीए (वसूल न किए जा सकने वाले ऋण) से जूझ रहा है जो दिसंबर में 11 अरब डालर पर पहुंच गया था। हालिया तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 60 प्रतिशत से अधिक गिरकर 19 करोड़ डालर रह गया।
अंबिगा जब एमयू सिग्मा की मुख्य कार्यकारी बनीं तो वह पहली महिला रहीं जो किसी भारतीय स्वामित्व वाली कंपनी की प्रमुख थीं। इस कंपनी की स्थापना उनके पति धीरज राजाराम ने 2004 में की थी। दिपाली गोयनका ने पांच साल पहले कपड़ा निर्माता वेलस्पन इंडिया का प्रभार संभाला जो उनके परिवार के तीन अरब डालर के वेलस्पन समूह का अंग है।
दिपाली ने कहा कि उन्होंने जब पद ग्रहण किया तो पुरुष प्रधान इस उद्योग में धारणा थी कि वेलस्पन पागल हो गई है। फोर्ब्स ने कहा, ‘दिपाली ने इसे दो तरीके से गलत साबित किया। मुनाफा और आय कई गुना बढ़ी। मार्च 2015 में समाप्त वर्ष के दौरान कंपनी का मुनाफा 8.1 करोड़ डालर रहा जबकि आय 79 करोड़ डालर रही।’
चंदा कोचर ने फोर्ब्स की सूची में लगातार जगह बनाई है और उन्होंने आईवर्कएटहोम कार्यक्रम शुरू किया है जिससे कर्मचरियों को साल भर घर से काम करने की अनुमति होती है, ताकि महिला कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखा जा सके। फोर्ब्स के मुताबिक 56 वर्षीय वंदना लूथरा ने भारत में सौंदर्य और वेलनेस की शृंखला की अवधारणा शुरू की। इधर 63 वर्षीया किरण मजूमदार शॉ अपने दम पर बनी उद्यमी हैं और उन्होंने इंस्यूलिन के क्षेत्र में बायोकॉन को बड़ी कंपनी बना दिया है।