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19 December 2018

मोदी सरकार ने बनाया न्यू इंडिया का रोडमैप, 2022 तक 4 लाख करोड़ डॉलर की होगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मोदी सरकार ने बुधवार को न्यू इंडिया के लिए नया खाका पेश किया। दरअसल, नीति आयोग ने न्यू इंडिया के लिए अपनी व्यापक राष्ट्रीय रणनीति जारी किया। इसमें 2022-23 के लिए सरकार के लक्ष्यों को चिह्नित किया गया है। इसके तहत कुल 41 महत्वपूर्ण क्षेत्रों का जिक्र किया गया है, जिसमें पहले से हो रहे विकास कार्यों की पहचान की जाएगी। साथ ही, विकास की राह में बाधा बन रहे पहलुओं की पहचान करने के साथ विकास के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने “स्ट्रैटिजी फॉर न्यू इंडिया@75” का विजन जारी किया। इस दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और अन्य सदस्यों में रमेश चंद, वी.के. सारस्वत और सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद थे। इस रोडमैप में कहा गया कि नीति आयोग ने प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरणा लेते हुए 2022 तक न्यू इंडिया के लिए रणनीतिक दस्तावेज तैयार किया है।  

अपने प्रस्ताव में प्रधानमंत्री कहते हैं, “स्ट्रैटिजी फॉर न्यू इंडिया@75” के लिए रणनीति बनाना, केंद्र में नवाचार, प्रौद्योगिकी, उद्यम और कुशल प्रबंधन को एक साथ लाने का प्रयास है। यह लोगों के बीच एक बहस को आगे बढ़ाएगा, जिससे नीतियों को व्यापक बनाने के लिए सुझाव मिलेंगे। हम मानते हैं कि सार्वजनिक भागीदारी के बिना आर्थिक बदलाव नहीं हो सकता है। विकास को एक जन आंदोलन बनना चाहिए।”

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इस रोडमैप को तैयार करने के लिए बिजनेसमैन और वैज्ञानिकों सहित शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों के साथ व्यापक सलाह मशविरा किया गया। इसके अलावा श्रमिक प्रतिनिधियों, ट्रेड यूनियनों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की गई। वहीं, मसौदा दस्तावेज  सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी भेजे गए और उनसे मिले सुझावों को इसमें शामिल किया गया।

रणनीति दस्तावेज का फोकस नीतिगत माहौल में और सुधार करना है, ताकि निजी निवेशक और अन्य हितधारक न्यू इंडिया 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए योगदान दे सकें। साथ ही, 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच खरब डॉलर का बनाया जा सके। दस्तावेज में चालीस अध्यायों को चार वर्गों में बांटा गया है, जिनमें विकास के वाहक, इंफ्रास्ट्रक्चर, समावेशी और शासन हैं।

अर्थव्यवस्था पर फोकस

विकास के वाहक के तहत आर्थिक प्रदर्शन, विकास, रोजगार, किसानों की दोगुनी आय, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार प्रणाली को अपग्रेड करना और फिनटेक एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके तहत कुछ प्रमुख सिफारिशें की गई हैं। मसलन, 2018-23 के दौरान औसतन 8 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर हासिल करने के लिए अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाया जाएगा। 2018-23 के दौरान जीडीपी विकास दर को आठ फीसदी तक रखने का प्रयास होगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 तक लगभग चार लाख करोड़ डॉलर यानी 280 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी। 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2.7 ट्रिलियन डॉलर की है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

दूसरे खंड यानी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की भौतिक बुनियाद से संबंधित है, जो भारतीय व्यापार की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, लोगों के जीवन को आसाना बनाने के लिए भी अहम है।

तीसरे खंड यानी समावेश में सभी वर्गों को विकास की धारा से जोड़ने की बात कही गई है। इसके तहत सामाजिक, आर्थिक एवं विभिन्न स्तरों पर हाशिए पर रह गए लोगों को स्वास्त्य, शिक्षा और मुध्यधारा से जोड़ने पर ध्यान केंद्रत किया जाएगा।

सुधार पर ध्यान

वहीं, शासन के तहत प्रशासनिक संरचनाओं को व्यवस्थित करने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिश की गई है। नई स्वायत्तत इकाई जैसे आर्बिट्रेशन काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन किया जाएगा। साथ ही, लंबित मामलों के निपटारे में तेजी लाई जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन के दायरे का विस्तार किया जाएगा।

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TAGS: NITI Aayog, Strategy, New India, Finance Minister, नीति आयोग, न्यू इंडिया, मोदी सरकार, वित्त मंत्री
OUTLOOK 19 December, 2018
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