नीतीश ने संभाली कमान, लालू परिवार का दबदबा
भाषा सिंह
बिहार की धरती ने एक बार फिर इतिहास रचा। दो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों ने मिलकर राजनीतिक सत्ता की कमान संभाली। नीतीश कुमार पांचवी बार बिहार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। जदयू और राजद के अनोखे मिलन में नीतीश कुमार के बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी प्रसाद ने शपथ ली। तेजस्वी यादव और फिर लालू यादव के दूसरे बेटे को शपथ दिलाई गई। इस तरह से सरकार पर लालू की मजबूत पकड़ और प्रभाव सामने आ गया। जनता दल यू और राजद से 12-12 मंत्री और कांग्रेस के चार विधायक मंत्री बनाए गए हैं।
गांधी मैदान में चल रहे शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ एक केंद्रक के रूप में उभरे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु से द्रमुक के स्टालिन, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला की उपस्थिति इस बात की तस्दीक कर रही है कि राष्ट्रीय फलक पर भाजपा विरोधी गठबंधन की नींव बिहार में पड़ रही है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, माकपा महासचिव सीताराम येचूरी, भाकपा सांसद डी. राजा भी शपथ ग्रहण में मौजूद हैं। केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू मौजूद थे। समाजवादी पार्टी का कोई भी प्रतिनिधि शपथ ग्रहण में नहीं आया और इसने भविष्य का भी स्पष्ट संकेत दे दिया।
राष्ट्रीय जनता दल के 12 मंत्रियों में लालू प्रसाद के दोनों बेटे, तेजस्वी और तेज यादव शामिल हैं। जनता दल यू से भी 12 मंत्री बनाए गए हैं जिनमें राजीव रंजन ऊर्फ लल्न सिंह, कृष्ण नंदन वर्मा-(जनता दल यू) प्रमुख हैं।
ये हैं नीतीश के मंत्री
तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, अब्दुल बारी सिद्धीकी, बिजेंद्र यादव, राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्न सिंह, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार, जय कुमार सिंह, आलोक कुमार मेहता, चंद्रिका राय, अवधेश कुमार सिंह, कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, महेश्वर हजारी, अब्दुल जलील मस्तान, राम विचार राय, शिवचंद्र राम, डॉक्टर मदन मोहन झा, शैलेश कुमार, मंजू वर्मा, संतो। कुमार निराला, अब्दुल गफूर, चंद्रशेखर, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, मुनेश्वर चौधरी, मदन सैनी, कपिल देव कामत, अनिता देवी और विजय प्रकाश।