पहले किसी सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश नहीं लौटाई, अधिक चर्चा की जरूरत:जस्टिस जोसफ
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश कुरियन जोसफ ने रविवार को शीर्ष अदालत के कॉलेजियम की सिफारिश को केन्द्र सरकार द्वारा लौटाने के मामले पर यह बयान दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कॉलेजियम सदस्य न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ ने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति देने की उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश को वापस भेजने का सरकार का फैसला अभूतपूर्व है और इस पर व्यापक चर्चा किए जाने की आवश्यकता है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीजें जो नहीं होनी चाहिए थीं, वे हुईं...यह आम धारणा है।’’
वह केंद्र द्वारा कॉलेजियम की सिफारिश लौटाए जाने और उससे शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति केएम जोसफ की पदोन्नति पर पुनर्विचार के लिए कहे जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
शीर्ष अदालत के न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है जब कॉलेजियम की सिफारिश वाले नामों को (केंद्र द्वारा) वापस भेजा गया हो। इसलिए (मामले पर) और अधिक चर्चा किए जाने की आवश्यकता है।’’
गौरतलब है सरकार ने पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर न्यायमूर्ति जोसफ के नाम को पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को वापस लौटा दिया था। केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह बदले की भावना से किया गया है। हालांकि केन्द्र ने कहा कि न्यायमूर्ति जोसफ के नाम को खारिज करने के फैसले का पिछले वर्ष उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन रद्द करने के उनके फैसले से कुछ लेना-देना नहीं है।