नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, जेल में ही रहेंगे चौटाला
न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला एवं शिव कीर्ति सिंह की पीठ ने कहा कि वह ऐसी किसी भी अपील पर सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं और याचिकाएं खारिज की जाती हैं। चौटाला (80) के साथ-साथ कोर्ट ने उनके बेटे अजय सिंह चौटाला (54) तथा अन्य की याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दीं कि दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला तर्कसंगत है। हालांकि कोर्ट ने अभियुक्तों को स्वास्थ्य या अन्य जरूरी आधार पर पैरोल हासिल करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की इजाजत दे दी।
गौरतलब है चौटाला, उनके पुत्र तथा अन्य लोग शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 सालों के जेल की सजा काट रहे हैं। इस मामले में छह जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने खुद को यह कहते हुए इस सुनवाई से अलग कर लिया था कि वह इनमें से कुछ अभियुक्तों की पैरवी कर चुके हैं। इससे पहले इसी वर्ष 5 मार्च को हाई कोर्ट ने चौटाला, उनके पुत्र तथा तीन अन्य की सजा को बरकरार रखा था। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में मिले बेतहाशा सबूत यह दिखाते हैं कि देश में चीजें किस प्रकार चल रही हैं। चौटाला पिता-पुत्र के अलावा दो आईएएस अधिकारियों तथा अन्य आरोपियों को 16 जनवरी, 2013 को निचली अदालत ने 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड शिक्षकों की अवैध भर्ती का दोषी ठहराया था और बाद में उन्हें 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी।