नृपेंद्र मिश्रा फिर बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव, कैबिनेट मंत्री का मिला दर्जा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्र और अतिरिक्त प्रमुख सचिव पीके मिश्रा को दोबारा इन्हीं पदों पर नियुक्त किया गया है। दोनों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है।
कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 31 मई के प्रभाव से दोनों की नियुक्तियों को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों का कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ पूरा होगा।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नृपेंद्र मिश्रा ही प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव थे। नृपेंद्र मिश्रा को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 28 मई 2014 को प्रधानमंत्री का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया था।
कौन हैं नृपेंद्र मिश्रा
मिश्रा 2006 से 2009 के बीच ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 में ही सेवानिवृत्त हुए। ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के हैं। उन्हें मई में प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। सरकार ने उस कानून को संशोधन करने के लिए अध्यादेश लागू किया था, जो मिश्रा को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने से रोक सकता था। मिश्रा ने पुलक चटर्जी का स्थान लिया जो मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव थे। नृपेंद्र मिश्रा उत्तर प्रदेश के हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं। बता दें कि मिश्रा की अध्यक्षता में ही ट्राई ने अगस्त 2007 में सिफारिश की थी कि स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी चाहिए।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नियुक्ति पर हुआ था बवाल
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान नृपेंद्र मिश्रा को प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव के तौर पर नियुक्त किए जाने पर काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ा था। तब विपक्ष ने हंगामा किया था कि ट्राई कानून के अनुसार इसका अध्यक्ष रिटायर होने के बाद केंद्र या राज्य सरकारों से जुड़े किसी पद पर नहीं बैठ सकता है। हालांकि अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने इस कानून को अध्यादेश के जरिए संशोधित किया और मिश्रा को नियुक्ति दी।