शिक्षकों की शिकायतों पर आरएसएस प्रमुख ने कहा, मैं केंद्र सरकार का दूत नहीं
आगरा में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वह केंद्र सरकार के दूत नहीं हैं। कार्यक्रम में कई शिक्षकों द्वारा कुछ शिकायत और मांग करने पर आरएसएस प्रमुख ने यह बात कही। उन्होंने शिकायती शिक्षकों से कहा कि उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से संपर्क करना चाहिए। एक अन्य कार्यक्रम में करीब 2000 युवा दंपतियों को संबोधित करते हुए भागवत ने उनसे पारिवारिक मूल्यों के लिए काम करने तथा बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करने की अपील की। अपनी यात्रा के पहले दिन शनिवार को आरएसएस प्रमुख ने विश्वविद्यालयी एवं महाविद्यालयी शिक्षक सम्मेलन में हिस्सा लिया जहां उत्तर प्रदेश के 11 जिलों के शिक्षक पहुंचे थे। भावगत ने शिक्षकों से बदलाव का वाहक बनने और विद्यार्थियों में राष्ट्रीय भावनाएं मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वह शिक्षा के क्षेत्र की समस्याओं से अवगत हैं लेकिन राजग सरकार के प्रतिनिधि नहीं हैं।
भागवत के कार्यक्रम में श्रोताओं में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अकादमिक विद्वान और आगरा एवं आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल थे। शिक्षकों ने ढेरों शिकायतें रखीं लेकिन भागवत ने कहा कि आरएसएस एक स्वतंत्र संगठन है और उन्हें अपना मुद्दा सरकार के सामने रखना होगा। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि आप सभी सोच रहे होंगे कि मैं सरकार का दूत हूं लेकिन यह सच नहीं है। मैं पेंशन, कार्यस्थल पर उत्पीड़न एवं अन्य मुद्दों के संबंध में आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा, मैं आपसे मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखने का अनुरोध करूंगा। हालांकि भागवत ने वादा किया कि वह सरकार के सामने उनका मामला रखेंगे। घटती हिंदू जनसंख्या के मुद्दे पर उन्होंने कहा, कौन सा कानून कहता है कि हिंदुओं की जनसंख्या नहीं बढ़नी चाहिए। जब अन्यों की जनसंख्या बढ़ रही है तो उन्हें कौन रोक रहा है। मुद्दा हमारी व्यवस्था से जुड़ा नहीं है। भागवत ने अपने चार दिवसीय प्रवास के तहत आगरा कॉलेज में युवा दंपतियों को संबोधित किया। उनका विभिन्न सामाजिक वर्गों एवं पेशेवर समूहों के साथ संवाद का कार्यक्रम है।