Advertisement
01 April 2017

विश्वभर में तीस करोड़ से अधिक लोग हैं अवसाद का शिकार : डब्ल्यूएचओ

google

डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक डॉ मार्गरेट चान ने कहा, ये नए आंकड़े देखकर सभी देशों को अपनी आंखें खोल लेनी चाहिए। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अपने दृष्टिकोणों पर पुनर्विचार करना चाहिए और इस मामले पर तत्परता से निपटना चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2005 से 2015 तक अवसादग्रस्त लोगों की संख्या में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इसे देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने एक साल लंबी एक मुहिम भी शुरू की है, जिसका लक्ष्य अवसादग्रस्त की मदद हेतु आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मानसिक विकार को लेकर लोगों से सहयोग नहीं मिलने और इससे जुड़ी सामाजिक सोच के कारण कई अवसादग्रस्त लोग उपचार नहीं कराते जबकि स्वस्थ जीवन जीने के लिए उन्हें इसकी आवश्यकता होती है। अवसाद आत्महत्या का एक बड़ा कारक है। इसकी वजह से हर वर्ष लाखों लोग आत्महत्या करते हैं।

Advertisement

डब्ल्यूएचओ में मानसिक स्वास्थ्य एवं मादक पदार्थ दुरुपयोग विभाग के निदेशक शेखर सक्सेना ने कहा, मानसिक बीमारी को लेकर समाज की धारणा के कारण ही हमने हमारी मुहिम को नाम दिया है (अवसाद) आओ चर्चा करें। उन्होंने कहा, अवसाद से पीड़ित व्यक्ति के लिए किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना उपचार एवं सुधार की स्थिति में पहला कदम होता है जिस पर वह भरोसा करता हो। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस संबंध में किए जाने वाला निवेश भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। भाषा

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: विश्वभर, तीस करोड़, अवसाद का शिकार, डब्ल्यूएचओ, Over 30 million, people, suffer, depression, WHO
OUTLOOK 01 April, 2017
Advertisement