Advertisement
15 January 2021

यूपी: ओवैसी खोल रहे हैं अपने पत्ते, अखिलेश के गढ़ पर हमले का बनाया प्लान

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए एत्तेहाद उल मुस्लिमीन अब हैदराबाद और तेलंगाना तक सीमित नहीं है। बिहार चुनाव में सफलता के बाद ओवैसी खुद इतने आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि उन्होंने अपनी पार्टी को उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में भी शरीक कराने की तैयारी कर ली है। साथ ही वे यूपी की क्षेत्रीय पार्टियों के संपर्क में हैं। खासकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर से ओवैसी की सियासी गलबहियां पर चर्चा गर्म है। उम्मीद की जा रही है कि पंचायत चुनाव में एआईएमआईएम कम से कम 50 उम्मीदवार उतार सकती।  इस बीच सूबे में बीजेपी से लेकर समाजवादी पार्टी तक में हलचल बढ़ गई है। खासतौर पर सपा के लिए एआईएमआईएम पार्टी बड़ी चुनौती बन सकती है। पार्टी ने आजमगढ़ का दौरा कर मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के संकेत भी दे दिए हैं।

बिहार की तर्ज पर असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में भी छोटी पार्टियों के साथ मिल कर 'अधिकार संकल्प मोर्चा' का गठन किया है। इस मोर्चा की अगुवाई भले ही राजभर कर रहे हैं मगर असली चेहरा ओवैसी ही हैं। ओवैसी की नजर सपा के मुस्लिम वोट बैंक पर है। वहीं यूपी के पंचायत चुनाव को संकल्प मोर्चा का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है, इसी के आधार पर 2022 के विधानसभा चुनाव की ओवैसी और राजभर बुनियाद रखेंगे।

अपनी पार्टी की मौजूदगी दिखाने के लिए ओवैसी और ओम प्रकाश ने मंगलवार को पूर्वांचल का दौरा शुरू किया है। वे आजमगढ़, जौनपुर और वाराणसी गए। अपने हालिया आजमगढ़ दौरे पर उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए 12 बार उन्हें यूपी आने से रोका। ओवैसी ने कहा, “अखिलेश यादव की सरकार के दौरान मेरे आने की अनुमति को 28 बार नामंजूर कर दिया गया, जबकि 12 बार तो यूपी में आने ही नहीं दिया गया। अब इजाजत मिलने के बाद मैं यहां आया हूं।” गौरतलब है कि आजमगढ़ अखिलेश यादव का विधानसभा क्षेत्र है।

Advertisement

माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव में एआईएमआईएम कम से कम 50 उम्मीदवार उतार सकती है।  हालांकि साल 2015 में उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। तब उन्हें वैसी कामयाबी नहीं मिली थी। समय के साथ सूबे में सियासी हालात बदले हैं। ओवैसी इस बार गठबंधन पर भरोसा करते हुए दांव आजमाना चाहते हैं।  बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुल 58,758 ग्राम पंचायत, जिनके कार्यकाल पूरे हो गए हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत सदस्य के कार्यकाल खत्म हो गए हैं। इसके साथ सूबे के 823 ब्लॉक के क्षेत्र पंचायत सदस्य सीटों और 75 जिले की जिला पंचायत के सदस्यों की 3200 सीटों पर एक साथ मार्च में चुनाव कराए जाने की संभावना है। यदि इन चुनावों में ओवैसी सफलता अर्जित कर पाते हैं तब प्रदेश में मुस्लिम बेस वोटर वाली समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने चुनाव लड़ा और 5 सीटों पर जीत दर्ज की। विपक्षी दलों ने उनपर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाया था। दरअसल, ओवैसी के दल ने बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी की थी। मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके में उनकी पार्टी को 5 सीटों पर जीत भी मिली। राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने ओवैसी पर मुस्लिम वोट बैंक को काटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था। फिलहाल यूपी में ओवैसी की एंट्री को बीजेपी अपने लिए फायदेमंद मानकर चल रही है मगर सपा के लिए यह कितना नुकसानदेह होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा।


अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Asaduddin Owaisi, AIMIM, Hyderabad, Telangana, Uttar Pradesh, Panchayat Election, Om Prakash Rajbhar, Samajvadi party, असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी, राजनीति, एआईएमआईएम
OUTLOOK 15 January, 2021
Advertisement