पंपोर में मुठभेड़ जारी, फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है सेना
जम्मू-कश्मीर के पंपोर में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान का आज तीसरा दिन है। श्रीनगर आधारित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा, कोई समयसीमा नहीं है। कोई जल्दबाजी नहीं है। हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमें और कोई नुकसान न हो। इमारत को मुक्त कराने में जितना भी समय लगेगा, हम लेंगे। सैन्य कमांडर ने कहा कि एंटेप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (ईडीआई) एक विशाल परिसर है और छिपे आतंकवादियों का सफाया करने के लिए विशेषज्ञ बलों की आवश्यकता है। दुआ ने बताया, दो मुख्य इमारतों को मुक्त करा लिया गया है और आतंकवादी अब तीसरी इमारत में जा छिपे हैं। यह 15 एकड़ में फैला विशाल परिसर है। इसमें तीन मुख्य इमारतें हैं। पास में कुछ अन्य इमारतें भी हैं। उन्होंने कहा, मुख्य इमारत चार मंजिला है और ऊपरी तल पर कैंटीन है। दस हजार वर्ग फुट क्षेत्र वाले परिसर के इस इमारत में 40-50 कमरे हैं। इसलिए, प्रत्येक मंजिल की और हर कमरे की तलाशी की जानी है। इसलिए, इसे मुक्त कराने के लिए विशेषीकृत यूनिटों की आवश्यकता है।
दुआ ने कहा, अभियान प्रगति पर है, मैं इस पर और कुछ नहीं कह पाउंगा, सिवाय इसके कि हमारी विशेषीकृत यूनिट केंद्रीय सशस्त्र अद्र्धसैनिक बलों के साथ पूरे तालमेल से काम कर रही हैं। दुआ ने कहा कि अब तक अर्द्धसैनिक बलों के दो कर्मी शहीद हो चुके हैं और नौ अन्य घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सेना के तीन बहादुर कर्मी शहीद हुए हैं, जो सभी विशेष बलों से थे। उन्होंने बताया कि सभी असैन्य नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। इससे पूर्व सेना ने मुठभेड़ में कल शहीद हुए दो सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। यहां सेना के बादामी बाग मुख्यालय में शहीद सैन्यकर्मियों को पुष्पचक्र अर्पित किए गए, जहां सैन्य कमांडर और जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक के. राजेंद्र ने वीर शहीदों को पुष्पांजलि दी।
दुआ ने बताया, कल लांस नायक ओमप्रकाश और कैप्टन तुषार महाजन शहीद हो गए। इससे केवल यह पता चलता है कि हमारे युवा अधिकारी बहादुर युवा नेता हैं जो हमेशा आगे रहकर नेतृत्व करते हैं। हमें उनके जाने से दुख है लेकिन इन युवा लड़कों ने सेना और देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने बताया कि जब सेना ने इन शहीदों के माता पिता से संपर्क किया तो उन्होंने अपने बेटों के बलिदान पर गर्व महसूस किया। सैन्य कमांडर ने कहा, दोनों के पिता स्कूल शिक्षक हैं और उन्हें अपने बेटों पर काफी गर्व है। किसी पिता को जब ऐसा समाचार मिलता है तो उससे ऐसी प्रतिक्रिया देश को गौरवांवित करती है और हम देख सकते हैं कि इन युवा नेताओं को वीरता के आनुवंशिक गुण कहां से मिलते हैं।