पनामा दस्तावेज: काले धन पर एसआईटी करेगा जांच
एसआईटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम बी शाह ने पीटीआई से कहा, जांच की जा रही है। हम उसकी (सूची) पूरी तरह से जांच करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या एसआईटी को इन नामों के बारे में कोई सूचना है, उन्होंने कहा कि दल को यह आज मिली है। उन्होंने कहा, हमें वह सूचना अभी ही मिली है। एसआईटी उपाध्यक्ष न्यायमूर्ति (अवकाशप्राप्त) अरिजीत पसायत ने कहा कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और राजस्व आसूचना निदेशालय जैसी एजेंसियों से कहा है कि वे सूची का एक आकलन करें और इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करें। पसायत ने कहा, हम जानना चाहते हैं कि इनके पीछे सच्चाई क्या है। एसआईटी के पास ये रिपोर्ट नहीं थी। हो सकता हैं कि जांच एजेंसियों के पास रही हो। इसलिए उनके द्वारा एक बार हमें रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद हम जरूरी कार्रवाई कर सकते हैं। सूची को इंटरनेशनल कॉस्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) भारत सहित पूरे विश्व के समाचार प्रकाशनों के सहयोग से सामने लाया गया है और यह भारतीयों द्वारा 1977 से 2015 तक की अवधि के दौरान किये गए अपतटीय निवेशों के बारे में है।
विदेशों में गैर कानूनी खातों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी: जेटली
उधर सरकार ने भी आज घोषणा कर दी है कि भारतीयों द्वारा विदेशों में संचालित गैर कानूनी खातों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने पनामा की एक विधि फर्म के लीक हुए दस्तावेजों की सूचनाओं पर लगातार निगरानी के लिए एक बहुपक्षीय एजेंसी समूह गठित किया है। लाखों की संख्या वाले इन दस्तावेजों में कम से कम 500 भारतीयों के नाम भी बताए गए हैं जिनमें फिल्म कलाकार व उद्योगपति शामिल हैं। इनके बारे में आरोप है कि इन्होंने विदेशी इकाइयों में धन जमा कर रखा है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर आज सुबह उनसे बात की और उनकी सलाह पर एजेंसियों का समूह गठित किया गया है। इस समूह में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), भारतीय रिजर्व बैंक व वित्त मंत्रालय की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) के अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा,विभिन्न एजेंसियों वाले इस समूह में सीबीडीटी, एफआईयू, एफटीएंडटीआर (विदेशी कर एवं कर अनुसंधान) तथा रिजर्व बैंक जैसी एजेंसियां शामिल होंगी। वे इनकी (खातों) की लगातार निगरानी करेंगी और जो भी खाते अवैध पाए जाएंगे उन पर मौजूदा कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।