संसद हमला/ दहशत के वो 45 मिनट जब सफेद एंबेसडर कार में आए थे 5 हमलावर
आज हीं के दिन यानी 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें माली, दिल्ली पुलिस के जवान, माली और संसद की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी समेत कुल नौ लोग शहीद हुए थे। 45 मिनट तक हमलावर गोलियों की बरसात करते रहें। इसमें शहीद हुए जवानों और लोगों को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार कहा कि देश संसद पर किए गए कायराना हमले को कभी नहीं भूलेगा और इसकी रक्षा करने वाले शहीदों के प्रति देश हमेशा ऋणी रहेगा।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, "वर्ष 2001 में हमारी संसद पर किए गए हमले को हम कभी नहीं भूलेंगे। संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले शहीदों की बहादुरी को हम याद करते हैं। देश उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा।
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा", 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले माँ भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूँ। कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।"
साल 2001 में आज ही की तारीख में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। इस हमले में दिल्ली पुलिस तथा संसद के सुरक्षाकर्मी और एक माली सहित 9 लोग शहीद हुए थे। सुरक्षाकर्मियों ने बहादुरी और सूझबूझ का परिचय देते हुए पांचों आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। आतंकवादियों ने सफेद रंग की एंबेसडर कार से संसद भवन में प्रवेश किया था और गोलियों की अंधाधुंध फायरिंग करने लगा।