संसद मानसून सत्र: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज तीसरा दिन, पीएम मोदी देंगे जवाब
एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लोकसभा को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के वक्तव्यों के बाद गुरुवार को और भी गरम बहस के कयास लगाए जा रहे हैं। बहरहाल, पीएम मोदी के संबोधन की पुष्टि रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम करीब 4 बजे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेंगे।
भाजपा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का भाषण सुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे।
Prime Minister Narendra Modi to be present to hear LoP Adhir Ranjan Chowdhury’s speech in Lok Sabha: BJP Sources pic.twitter.com/BXMUsZK8GW
— ANI (@ANI) August 10, 2023
संसद में सरकार की आगे की रणनीति पर चर्चा करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन राम मेघवाल के साथ बैठक की।
Prime Minister Narendra Modi holds a meeting with Defence Minister Rajnath Singh, Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi and Union Ministers Piyush Goyal and Arjun Ram Meghwal to discuss the government's strategy in Parliament.
— ANI (@ANI) August 10, 2023
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को संसद में पीएम की मौजूदगी की पुष्टि करते हुए कहा, ''अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए पीएम गुरुवार को सदन में मौजूद रहेंगे।'' इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पुष्टि की कि अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री गुरुवार को सदन में उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव से मोदी-सरकार को कोई हानि होने के आसार नहीं हैं क्योंकि उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों के पास लोकसभा में बहुमत है।
बता दें कि कोई भी लोकसभा सांसद, जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन है, किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। इसके बाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है। प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसद सरकार की कमियों को उजागर करते हैं, और ट्रेजरी बेंच उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हैं।
अंततः मतदान होता है और यदि प्रस्ताव सफल होता है, तो सरकार को कार्यालय खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के पास 331 सांसदों के साथ प्रशंसनीय बहुमत है, जिसमें से भाजपा के पास 303 सांसद हैं, जबकि विपक्षी दल I.N.D.I.A की संयुक्त ताकत 144 है। निचले सदन में असंगठित दलों के सांसदों की संख्या 70 है।
बता दें कि यह दूसरी बार है जब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को प्रस्ताव पर बहस शुरू की जो बाद में विपक्ष और केंद्र के बीच तीखी बहस में बदल गई।