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15 December 2019

प्रशांत किशोर ने की इस्तीफे की पेशकश, नीतीश कुमार ने ठुकराया

जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक नागरिकता कानून को लेकर पार्टी के विपरीत रुख अपनाने के बाद पार्टी प्रमुख नीतीश को अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक किशोर का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर अपनी चिंताओं को हवा देने वाले प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर अपने बायो से पार्टी के पदनाम को भी हटा दिया। जेडी-यू प्रमुख कुमार से मिलने के बाद, किशोर ने कहा, "नीतीश कुमार ने कहा कि हम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पक्ष में नहीं हैं। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के साथ कोई समस्या नहीं है, लेकिन यह एनआरसी के साथ संयुक्त होने पर भेदभावपूर्ण हो जाता है।

अपनी बैठक से पहले, किशोर ने संवाददाताओं से कहा कि वह नागरिकता कानून पर अपने रुख पर दृढ़ थे। "मैंने इसे सार्वजनिक रूप से कहा है, न केवल नीतीश कुमार के लिए, बल्कि सभी के लिए।"

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11 दिसंबर को राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित होने से एक दिन पहले, किशोर ने अपनी पार्टी से संसद में विधेयक का समर्थन करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था।

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शनिवार को यहां पार्टी अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कहा कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर अपने रुख पर कायम हैं। गौरतलब है कि किशोर ने नागरिकता कानून का उनकी पार्टी द्वारा समर्थन किए जाने की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। किशोर ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून “बड़ी चिंता की बात नहीं है” लेकिन यह प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ मिलकर समस्या बन सकता है।

कानून में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने प्रावधान है जबकि एनआरसी में भारत के सभी वास्तविक नागरिकों का नाम होगा। किशोर ने बुधवार को ट्वीट किया था कि यह कानून एनआरसी के साथ मिलकर व्यवस्थित ढंग से लोगों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव और यहां तक कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिये घातक गठजोड़ बन सकता है। उन्होंने शनिवार को नीतीश के साथ लगभग एक घंटे तक विवादित कानून को लेकर चर्चा की। जदयू उपाध्यक्ष किशोर ने बैठक के बाद कहा, “पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उन्हें (नीतीश कुमार को) तय करना है कि कौन सही है और कौन नहीं। मैंने जो विचार प्रकट किये, उन पर कायम हूं। मुझे नहीं लगता कि पार्टी में मेरा कोई दुश्मन है।”

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TAGS: JDU, citizenship law, Prashant KishoR, resignation, CM Nitish Kumar
OUTLOOK 15 December, 2019
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