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16 August 2021

पेगासस जासूसी के आरोपों की जांच के लिए गठित होगी समिति, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी, आरोपो से किया इनकार

प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पेगासस जासूसी आरोपों की स्वतंत्र जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार ने यह जानकारी दी है। जनहित याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच कराने की मांग भी की गई है। कई विपक्षी नेताओं द्वारा इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष दायर एक हलफनामे में सरकार ने कहा कि कथित पेगासस जासूसी पर अपनी स्थिति पहले ही संसद में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा स्पष्ट कर दी गई है।

हलफनामे में कहा गया है, "उपरोक्त याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि ये अटकलों और अनुमानों या अन्य निराधार मीडिया रिपोर्टों या अधूरी या अपुष्ट सामग्री पर आधारित हैं।"

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कुछ निहित स्वार्थों द्वारा फैलाई गई किसी भी गलत कथा को दूर करने और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से सरकार विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी।

बता दें कि पेगासस जासूसी कांड का मुद्दा दुनिया के तमाम देशों में सुर्खियां बना हुआ है। फ्रांस समेत कई देशों ने इसकी जांच को लेकर आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं ने यह दलील भी दी थी कि जब दूसरे देशों में इसे लेकर जांच हो रही है तो भारत में क्यों नहीं। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ से ऐसे स्पाईवेयर को लेकर कोई लेनदेन से स्पष्ट तौर पर इनकार किया है।

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TAGS: पेगासस जासूसी कांड, पेगासस, सुप्रीम कोर्ट, अश्विनी वैष्णव, Pegasus espionage case, Pegasus, Supreme Court, Ashwini Vaishnav, केंद्र सरकार, central government
OUTLOOK 16 August, 2021
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